पटना, 22 जून। एक परिवार और एक भविष्य विषय के साथ आज बिहार की राजधानी पटना में शुरू हुई। बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने इस बैठक का उद्घाटन किया। श्री आर्लेकर ने अपने उद्घाटन भाषण में प्रतिनिधियों को श्रम मुद्दों और मानवाधिकार को समाहित करते हुए सामाजिक सुरक्षा पर चर्चा करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों पर व्यापक रूप से विचार करने से हम विशेषाधिकार प्राप्त वर्गों की शिकायतों को संबोधित कर सकेंगे।
श्रम कार्य समूह एल-20 (L-20) के अध्यक्ष हिरणमय पांडया ने कहा कि इस बैठक में श्रम सुधार और सामाजिक सुरक्षा के मुद्दों पर विस्तार से चर्चाएं होंगी। उन्होंने कहा कि वैश्विक कार्य बल में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाना भी एजेंडे में शामिल हैं। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की रिपोर्ट में महिलाओं की भागीदारी घट रही है।
इंडोनेशिया के प्रतिनिधि अहमद ने कहा की हमें आपने आमंत्रित किया इसके लिए मैं आप सभी का आभारी हूं। विश्व का अर्थतंत्र हमारी अपेक्षाओं से कहीं अधिक तेजी से बदल रहा है. ऐसे में हमें संसाधनों के बेहतर प्रबंधन के लिए सामाजिक संवाद बढ़ाना होगा।
ब्राजील के प्रतिनिधि मैडम रूथ ने इस मौके पर कहा की दुनिया भर की सरकारें श्रमिक यूनियनों और उनके प्रस्तावों को प्राथमिकता से संज्ञान में ले रही हैं। सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक स्वतंत्रता आपस में अंतर्निहित हैं। श्रम जगत में एकता आज सबसे बड़ी आवश्यकता है. ब्राजील में अगले साल आयोजित होने वाले जी-20 के आयोजन के लिए आप सभी आमंत्रित हैं। मैं विश्वास दिलाती हूं की वहां हम एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के मंत्र को साकार करने की दिशा में एक कदम और बढ़ेंगे।
बैठक में जी -20 (G-20) सदस्यों के लगभग 150 प्रतिनिधि और आठ अतिथि देश हिस्सा ले रहे हैं। इस बैठक के दौरान श्रम कार्य समूह और व्यवसाय-20 समूह के सदस्य कोविड महामारी के बाद विशेष रूप से रोजगार की स्थिति को लेकर भी चर्चा करेंगे। इस शिखर सम्मेलन में जी-20 देशों की चुनौतियों और नये रोजगार अवसर के मुद्दों पर भी चर्चा होगी।