संयुक्त राष्ट्र उपमहासचिव आमिना जे मोहम्मद ने नई दिल्ली में युवजन के साथ एक बातचीत के दौरान कहा कि उन्हें परिवर्तन लाने के लिए किसी का इन्तज़ार करने के बजाय, आगे बढ़कर ख़ुद हालात बदलने होंगे. यूएन उपप्रमुख ने अपनी भारत यात्रा के दूसरे दिन मंगलवार को, विभिन्न केन्द्रीय मंत्रियों से भेंट की और जलवायु कार्रवाई, जी20 कार्ययोजना, टिकाऊ विकास लक्ष्यों पर प्रगति व विकास के लिए वित्त पोषण पर चर्चा की.
उप महसाचिव आमिना मोहम्मद ने टिकाऊ विकास लक्ष्यों को गति देने में सक्रिय भूमिका निभा रहे युवाओं के साथ चर्चा के दौरान, उनके समक्ष मौजूद चुनौतियों के बारे में जानकारी प्राप्त की और आग्रह किया कि विश्व में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए वो आगे बढ़कर कार्रवाई करें.
कार्यक्रम में विभिन्न यूएन एजेंसियों द्वारा मान्यता प्राप्त युवा कार्यकर्ता शामिल थे.
इनमें, 2022 एसडीजी समूह के लिए यूएन महासचिव के युवा नेतृत्व की सदस्य ऋचा गुप्ता, यूएन इंडिया व युवाह की युवा पैरोकार भावी बराड, और मुरसल मोहम्मदी, नारीवादी युवा नेतृत्व लैब की सदस्य अनुश्री प्रताप, ओलिव रिडली समुद्री कछुओं के संरक्षण के लिए प्रयासरत यूएन इंडिया व युवा पैरोकार सौम्य रंजन बिस्वाल, उन्नत एआई का उपयोग करके टिकाऊ प्रौद्योगिकी समाधान विकसित करने का लक्ष्य रखने वाले विकास उपाध्याय, मानसिक स्वास्थ्य पर काम करने वाली एक ग्राफ़िक डिज़ाइनर आर्यमान मुनीश, यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य और अधिकारों पर काम करने वाली नारीवादी कार्यकर्ता निधि आर्य, और अपशिष्ट प्रबन्धन, पुनर्चक्रण और शहरी वनीकरण पर अपने काम के लिए पुरस्कार विजेता नव अग्रवाल शामिल हुए.
चर्चा में शामिल युवाओं ने उपमहासचिव के साथ अपने अनुभव बाँटे और नीति निर्माण में युवाओं की आवाज़ को शामिल करने, उनकी विशिष्ट स्वास्थ्य एवं मानसिक स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने, विकलांगों की ज़रूरतों के प्रति स्वंवेदनशीलता बरतने, शरणार्थियों के लिए समर्थन सुनिश्चित करने, और निर्णायक भूमिकाओं में कम प्रतिनिधित्व वाले समुदायों पर ध्यान केन्द्रित करने समेत अन्य मुद्दों पर बातचीत की.
टीम इंडिया की महत्वपूर्ण भूमिका
यूएन उपमहासचिव ने इससे पहले नई दिल्ली स्थित में यूएन इंडिया टीम से मुलाक़ात की और जाना कि भारत में संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न एजेंसियाँ, जलवायु परिवर्तन से लेकर लैंगिक मुद्दों, और डेटा से लेकर साझेदारी तक के क्षेत्रों में – 2030 तक एसडीजी हासिल करने के लिए किस तरह से भारत सरकार को समर्थन दे रही हैं.
उपमहासचिव ने एसडीजी हासिल करने की दौड़ के मध्यावधि पड़ाव पर, यूएन टीम को बताया कि हम सभी को महत्वाकांक्षी, सहयोगी और परिवर्तनकारी होना होगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी पीछे ना छूटने पाए.
उन्होंने ख़ासतौर पर जी20 के सन्दर्भ में भारत में संयुक्त राष्ट्र की टीम के काम की सराहना करते हुए कहा, “मुझे लगता है कि यह पहली बार है कि जी20 ने देश के हर कोने में जाकर, जीवन का एक प्रेरणादायक दृष्टिकोण अपनाया है.”
“मुझे महसूस होता है कि यह पहल सभी टिकाऊ विकास लक्ष्यों से जुड़ी हुई है, और चूँकि यह पहल विकास के एजेंडे के बारे में बात करती है… तो मतलब इसमें सभी कुछ है.”
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में उच्चस्तरीय चर्चा से ठीक पहले होने के कारण जी20 सम्मेलन, उसे गति प्रदान करने में बहुत अहम भूमिका निभाएगा.
अहम बैठकें
संयुक्त राष्ट्र उपमहासचिव आमिना जे मोहम्मद ने अपनी यात्रा के दूसरे दिन, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाक़ात की और जी20 से जुड़े मुद्दों, टिकाऊ विकास लक्ष्य की स्थिति और जलवायु चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया.
यूएन उपप्रमुख ने भारत सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव, विदेश एवं संसदीय कार्यों के राज्य मंत्री वी मुरलीधरन, नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी और जी20 में भारत के शेरपा अमिताभ कान्त के साथ भी भेंट की.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ, एसडीजी के वित्त पोषण व भारत की जी20 कार्ययोजना पर बातचीत हुई. वहीं, नीति आयोग के उपाध्यक्ष, सुमन बेरी के साथ एसडीजी के कार्यान्वयन में तेज़ी लाने पर सार्थक चर्चा हुई, जिसमें मुख्यत: भारत को एसडीजी स्थानीयकरण (localisation) के लिए वैश्विक प्रेरणा बनाने पर ध्यान केन्द्रित किया गया.
वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव के साथ जलवायु परिवर्तन जी20 और एसडीजी पर बातचीत के दौरान राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्तर पर प्रमुख हरित कार्यक्रमों को रेखांकित किया गया.
भारत की जी20 अध्यक्षता के मद्देनज़र, विदेश एवं संसदीय कार्यों के राज्य मंत्री वी मुरलीधरन के साथ, वैश्विक दक्षिणी गोलार्द्ध में स्थित देशों (वैश्विक दक्षिण) को टिकाऊ विकास लक्ष्य हासिल करने में सक्षम बनाने के लिए, संयुक्त राष्ट्र के साथ भारत की साझेदारी को मज़बूत करने से सम्बन्धित मामलों पर अहम चर्चा हुई.