चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के मेरठ में स्थित है। इसकी स्थापना साल 1965 में हुई थी।
शुरुआत में इस यूनिवर्सिटी का नाम ‘मेरठ विश्वविद्यालय’ रखा गया था लेकिन बाद में इसे बदलकर इसका नाम भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के नाम पर चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी रखा गया।
इस यूनिवर्सिटी का कैंपस करीब 222 एकड़ की भूमि में फैला हुआ है। इसके साथ ही यहां छात्रों को इंटरनेट और वाईफाई जैसी सर्विसेज भी दी जाती हैं।
चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में 20 यूजीसी प्रोग्राम है और साथ ही 35 स्व-वित्त पोषित विभाग पाठ्यक्रम भी मौजूद हैं। यूनिवर्सिटी से पश्चिमी उत्तर प्रदेश से ही करीब 4 लाख से भी अधिक छात्र जुड़े हुए हैं। इन सब के अलावा करीब 400 महाविद्यालय भी इस यूनिवर्सिटी से जुड़े हुए हैं।
यूनिवर्सिटी के अंदर ही एक अलग इंजीनियरिंग कॉलेज भी मौजूद है, इस कॉलेज में बीटेक की 5 ब्रान्चेस हैं जहाँ पढ़ाई करवाई जाती है।
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के भीतर ही कई पाठ्यक्रम जैसे कृषि विज्ञान, मानविकी, समाज विज्ञान, पत्रकारिता, जनसंचार, मल्टी मीडिया तकनीक, भूविज्ञान, शारीरिक शिक्षा, ललित कला, विधि विज्ञान, व्यावाहारिक विज्ञान, गृह विज्ञान, प्रबंधन अध्ययन, भौगोलिक सूचना प्रणाली, सुदूर संवेदन आदि पढ़ाए जाते हैं।
हाल ही में यह खबर भी सामने आई कि चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में अब छात्रों को गिल्ली डंडों के बारे में पढ़ाया जाएगा।
जी हां, कुछ समय पहले ही हुई बोर्ड ऑफ़ स्टडीज की एक बैठक के दौरान यह फैसला लिया गया है। इसके अनुसार चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में फिज़िकल एजुकेशन के लिए गिल्ली डंडा को शामिल किया गया है।
ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है कि यूनिवर्सिटी के पाठ्यक्रम में परंपरागत खेलों को शामिल किया गया हो। अब छात्र ना केवल इनके बारे में पढेंगे बल्कि साथ ही इनकी प्रैक्टिस भी कर सकेंगे।
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