नई दिल्ली, 25 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना (यूनिफाइड पेंशन स्कीम) को मंजूरी दी है। इस कदम का उद्देश्य सुनिश्चित पेंशन, पारिवारिक पेंशन और सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन प्रदान करना है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया ब्रीफिंग के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि केंद्र ने एक समिति का गठन किया जिसने आरबीआई और विश्व बैंक सहित कई शीर्ष संगठनों के साथ 100 बैठकें कीं।
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एकीकृत पेंशन योजना (Unified pension scheme) की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं :
- सुनिश्चित पेंशनः 25 वर्ष की न्यूनतम अर्हक सेवा के लिए सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम 12 महीनों में प्राप्त औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत। यह वेतन न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा अवधि तक कम सेवा अवधि के लिए आनुपातिक होगा।
- सुनिश्चित पारिवारिक पेंशनः कर्मचारी की मृत्यु से ठीक पहले उसकी पेंशन का 60 प्रतिशत।
- सुनिश्चित न्यूनतम पेंशनः न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति पर 10,000 रुपये प्रति माह।
- महंगाई सूचकांकः सुनिश्चित पेंशन पर, सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन पर और सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन पर
- औद्योगिक श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (एआईसीपीई-आईडब्ल्यू) के आधार पर महंगाई राहत, सेवा कर्मचारियों के मामले में सेवानिवृत्ति के समय एकमुश्त भुगतान, ग्रेच्युटी के अतिरिक्त, सेवानिवृत्ति की तिथि पर मासिक परिलब्धियों (वेतन + डीए) का 1/10वां हिस्सा, सेवा के प्रत्येक पूर्ण छह महीने के लिए, इस भुगतान से सुनिश्चित पेंशन की मात्रा कम नहीं होगी।
UPS एक अप्रैल 2025 से लागू होगी
यूनिफाइड पेंशन स्कीम एक अप्रैल 2025 से लागू होगी। UPS से 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा होगा। कर्मचारियों के पास UPS या NPS में से कोई भी पेंशन स्कीम चुनने का ऑप्शन रहेगा। राज्य सरकार चाहें तो वे भी इसे अपना सकती हैं। अगर राज्य के कर्मचारी शामिल होते हैं, तो करीब 90 लाख कर्मचारियों को इससे फायदा होगा