नई दिल्ली, 1 फरवरी। स्टार्ट अप इकोसिस्टम को राहत देते हुए केंद्र सरकार ने गुरुवार को स्टार्टअप और सरकारी वेल्थ तथा पेंशन फंड द्वारा किए गए निवेश के लिए कर लाभ को मार्च 2025 तक बढ़ाने की घोषणा की।
स्टार्टअप और सरकारी वेत्थ या पेंशन फंड द्वारा किए गए निवेश के लिए कुछ कर लाभ पर कर छूट इस साल 31 मार्च को समाप्त हो रही है। इसके अलावा कुछ अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) इकाइयों की कतिपय आय पर कर लाभ को भी एक साल के लिए बढ़या गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा, ‘निरंतरता प्रदान करने के लिए में तारीख को 31 मार्च 2025 तक बढ़ाने का प्रस्ताव करती हूं।”
उन्होंने कहा, ‘जहां तक कर प्रस्तावों का सवाल है, परंपरा को ध्यान में रखते हुए, में कराधान से संबंधित कोई बदलाव करने का प्रस्ताव नहीं कर रही हूं, ओर आयात शुल्क सहित प्रत्यक्ष करों ओर अप्रत्यक्ष करों के लिए समान कर दरों को बनाए रखने का प्रस्ताव करती हूं।”
यूनिकॉर्न इंडिया वेंचर्स के मैनेजिंग पार्टनर अनिल जोशी ने कहा कि स्टार्टअप्स के लिए कर छूट का विस्तार एक अच्छा संकेत है और नाममात्र या शून्य ब्याज दर पर सनराइज सेगमेंट के लिए एक लाख करोड़ रुपये का प्रावधान निश्चित रूप से छोटे व्यवसायों को मदद करेगा।
उन्होंने कहा, “प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर में कोई बदलाव की उम्मीद नहीं थी, हालांकि जुलाई 2024 में प्रस्तावित पूर्ण बजट में हमें नई दरें देखने को मिल सकती
केडजेनिक्स के सह-संस्थापक और सीईओ ऋषभ गोयल ने कहा कि मौजूदा स्टार्ट अप की विकास गति को बनाए रखने के लिए सरकार ने कर लाभ को एक अतिरिक्त वर्ष के लिए बढ़ा दिया है।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के अनुसार, अब तक 2,975 सरकारी मान्यता प्राप्त स्टार्ट अप्स को आयकर छूट दी गई है। ‘स्टार्ट अप इंडिया’ कार्यक्रम के तहत सरकार आयकर में छूट प्रदान करती है।
सरकार ने पिछले साल सितंबर में नए एंजेल टैक्स नियमों की अधिसूचित किया था जिसमें निवेशकों को गैर सूचीबद्ध स्टार्ट अप द्वारा जारी किए गए शेयरों का मूल्यांकन करने की व्यवस्था शामिल है।
डीपी आई आईटी के साथ पंजीकृत स्टार्ट अप का नए मानदंडों से छूट दी गई थी। सरकार ने इस बात पर प्रकाश डाला कि छूट से 80,000 से अधिक स्टार्ट अप को लाभ होगा।
source : IANS