बेंगलुरु, 10 जून। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने स्पष्ट किया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठानों में विनिवेश से यह नहीं समझा जाना चाहिए कि ये ईकाइयां बंद हो रही हैं।
वित्त मंत्री ने आज बेंगलुरु में निवेश और सार्वजनिक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग-दीपम द्वारा आयोजित आजादी का अमृत महोत्सव सम्मेलन का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठानों में विनिवेश से इन ईकाइयों में नई शेयर पूंजी आई है, प्रगतिशील विचार उत्पन्न हुए हैं और लागत में कमी के साथ-साथ उत्पादन में वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि दीपम के भारत ई टी एफ बॉन्ड से पूंजी बाजार के माध्यम से 53 हजार करोड रुपये का निवेश हुआ है। वित्त मंत्री ने कहा कि 1991 में अर्थव्यवस्था के पारदर्शी होने के बाद से कई निजी निवेशकों ने भारतीय बाजार में रुचि दिखाई है और 1999 से 2004 के बीच हुए नीतिगत विनिवेश के आज बेहतर परिणाम दिखाई पड रहे हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि आज स्थिति यह है कि प्राइवेट कम्पनियां सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के अंतर्गत कार्य करने वाले अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
उन्होंने कहा कि चार सामरिक क्षेत्रों के अलावा अन्य क्षेत्र निजी भागीदारी के लिए खोले जा रहे हैं। आजादी के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में यह सम्मेलन 75 शहरों में एक साथ आयोजित किए गए।
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