भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच हुआ व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (CEPA) न केवल द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को मजबूत करेगा, बल्कि निर्यात (Exports) को भी बढ़ावा देगा। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने दी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस समझौते से भारत में रोजगार के 10 लाख अवसर उत्पन्न होंगे।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने पीयूष गोयल ने कहा कि सीईपीए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों, स्टार्टअप, किसानों, व्यापारियों और विभिन्न व्यवसायों के लिए बेहद फायदेमंद होगा। यह समझौता माल एवं सेवाओं दोनों के लिए बाजार तक पहुंच प्रदान करेगा और हमारे युवाओं के लिए रोजगार पैदा करेगा। यह हमारे स्टार्टअप के लिए नए बाजार खोलेगा, हमारी कारोबारी व्यवस्था को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगा और हमारी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा। जानकारी के लिए बता दें कि भारत और यूएई ने इसे लेकर व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह व्यापार समझौता 88 दिनों के कम समय में वार्ता समाप्त करने के बाद हुई है।
10 लाख रोजगार
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि CEPA के जरिए निर्यात पर हमारे जोर और जीसीसी, ऑस्ट्रेलिया तथा कनाडा के साथ हमारी एफटीए वार्ता आगे बढ़ने से देश की बाजार पहुंच में वृद्धि होगी और हमारे निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह समझौता भारतीय नागरिकों के लिए अतिरिक्त 10 लाख रोजगार के अवसर पैदा करेगा।
जानते हैं पूरे समझौते के मुख्य अंश को…
- व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (CEPA) को केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भारत-यूएई के लिए नई सुबह की शुरुआत बताया
- CEPA से द्विपक्षीय व्यापार संबंधों के मजबूत होने, निर्यात को बढ़ावा मिलने के साथ ही भारत में रोजगार के अवसर खुलेंगे
- केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह समझौता भारतीय नागरिकों के लिए कम से कम 10 लाख नौकरियों का सृजन करेगा
- भारतीयों के लिए यूएई में काम करने के लिए कई नए अवसर खोलेगा, जिसमें फिनटेक, एडटेक, ग्रीन टेक, ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शामिल हैं
- साझेदारी में प्रौद्योगिकी, डिजिटल व्यापार और स्थिरता का बड़ा फोकस है
- CEPA के तहत भारत से यूएई को निर्यात किए जाने वाले लगभग 90% उत्पादों पर शून्य शुल्क लगेगा
- MSME, स्टार्टअप, किसानों, व्यापारियों और व्यवसायों के सभी वर्गों के लिए बेहद फायदेमंद बताया है
- वाणिज्य मंत्री ने बताया कि साझेदारी समझौता विशेष रूप से श्रम प्रधान भारतीय उत्पादों के लिए दरवाजे खोलेगा, जो यूएई को निर्यात किए जाते हैं
- इसमें कपड़ा, रत्न और आभूषण, दवाएं, कृषि उत्पाद, जूते, चमड़ा, खेल के सामान, इंजीनियरिंग सामान, ऑटो घटक और प्लास्टिक शामिल है
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “चूंकि यूएई एक व्यापारिक केंद्र के रूप में कार्य करता है, इसलिए समझौता हमें अफ्रीका, मध्य पूर्व और यूरोप में बाजार में प्रवेश बिंदु प्रदान करने में मदद करेगा।”