पैरिस जलवायु समझौते के बाद से सबसे महत्वपूर्ण संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन 31 अक्तूबर से 12 नवम्बर तक ब्रिटेन के ग्लास्गो में होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी-20 शिखर सम्मेलन और जलवायु सम्मेलन में भाग लेने के लिए इस महीने की 29 तारीख से दो नवम्बर तक रोम और ग्लास्गो की यात्रा पर रहेंगे।
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन ने 2050 तक ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को समाप्त करने के लिए अपने देश की दीर्घावधि प्रतिबद्धता योजना कल जारी की। ब्रिटेन इस सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है। उसने कल जलवायु वित्त प्रतिबद्धता योजना जारी की, ताकि इस संबंध में स्थिति स्पष्ट की जा सके। समझा जाता है कि ये लक्ष्य 2023 तक पूरा हो पाएगा। हालांकि 2015 में पेरिस समझौते में विकसित देशों ने 2020 तक इस लक्ष्य को पूरा करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की थी।
26वें जलवायु परिवर्तन सम्मेलन से पहले जलवायु वित्तीय प्रतिबद्धता पूरी करने में विकसित देशों के विलंब के बारे में आकाशवाणी समाचार से विशेष बातचीत में पर्यावरणविद डॉ. सी.के वार्ष्णेय ने कहा कि भारत का रूख बिल्कुल स्पष्ट है। इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।
डॉ0 वार्ष्णेय ने कहा कि भारत ने विश्व के अन्य देशों की तुलना में कार्बन स्पेस का इस्तेमाल नहीं किया है।
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