जहां सड़क वहां विकास का मार्ग प्रशस्त करते हुए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर उत्तर प्रदेश में तीव्र गति से सड़कों का जाल बिछा रही हैं। इस क्रम पूरे प्रदेश में तेजी से विभिन्न एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इनमें से बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे तो बनकर तैयार भी हो गया है जिसे पीएम मोदी आगामी 16 जुलाई को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। यूपी में देश के सबसे बड़े एक्सप्रेसवे नेटवर्क की रखी जा चुकी आधारशिला
ज्ञात हो हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में देश के सबसे बड़े एक्सप्रेसवे नेटवर्क की आधारशिला रखी थी। आने वाले समय में दुनिया के कई देशों से अधिक एक्सप्रेसवे कनेक्टिविटी यूपी में होगी।
3200 KM लंबे कुल 13 एक्सप्रेसवे में से सात पर तेजी से चल रहा काम
निर्माण कार्य पूरा होने के साथ ही उत्तर प्रदेश 13 एक्सप्रेसवे वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा। 3,200 किलोमीटर के कुल 13 एक्सप्रेसवे में से सात पर तेजी से काम चल रहा है, जबकि छह एक्सप्रेसवे संचालित हैं। 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को 16 जुलाई को प्रधानमंत्री लोकार्पित करेंगे। इसके माध्यम से बुंदेलखंड दिल्ली से सीधे जुड़ेगा।
राज्य में ये सड़कें बनेगी तरक्की का आईना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले पांच वर्षों में प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर में आमूलचूल परिवर्तन किया है। इंफ्रास्ट्रक्चर अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन होते हैं। सड़कें तरक्की का आईना होती हैं।
केंद्र और राज्य सरकार का कमाल
केंद्र और राज्य की सरकार ने सड़कों के कायाकल्प को लेकर व्यापक स्तर पर कार्य किया है। गांव की गलियों से लेकर, ब्लॉक मुख्यालय, जिला मुख्यालय, दूसरे राज्यों और दूसरे देशों को जोड़ने वाले सड़कों का संजाल निर्मित किया गया है। 70 साल में केवल डेढ़ एक्सप्रेसवे बने थे। एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों की दशकों पुरानी मांग को वर्तमान सरकार ने पूरा किया है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे इसका उदाहरण है। साथ ही 594 किमी लंबे गंगा एक्सप्रेस वे का शिलान्यास प्रधानमंत्री मोदी ने किया है। यह एक्सप्रेसवे न केवल पूरब और पश्चिम की दूरी को कम करेगा, बल्कि दिलों को भी जोड़ने का कार्य करेगा। इसके अलावा लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे, गाजीपुर-बलिया-मांझीघाट एक्सप्रेसवे और दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है।
किन्हें मिलेगा इनका लाभ
इसका लाभ सभी प्रदेशवासियों को मिलेगा। हाइवेज और एक्सप्रेसवेज के किनारे औद्योगिक गलियारे भी बनाए जा रहे हैं। ये गलियारे तीव्र संतुलित और समावेशी विकास के साथ-साथ रोजगार की अपार संभावनाओं को गति देंगे। इसके लिए जमीनें चिह्नित की गई हैं। आपातकाल में वायुसेना के विमानों की लैंडिंग और टेक ऑफ के लिए हवाई पट्टियां भी बनाई जा रही हैं।
पिछड़ेपन के दाग से बुंदेलखंड होगा मुक्त
दशकों से पिछड़ा बुंदेलखंड अब सीधे दिल्ली से जुड़ने वाला है। डीएनडी फ्लाइवे नौ किमी, नोएड-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे 24 किलोमीटर, यमुना एक्सप्रेसवे 165 किलोमीटर, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे 135 किलोमीटर और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे 296 किलोमीटर कुल 630 किलोमीटर की यात्रा दिल्ली से चित्रकूट तक निर्बाध गति से की जा सकेगी। बुंदलेखंड एक्सप्रेसवे लोगों को दिल्ली सहित अन्य राज्यों से भी जोड़ेगा। इससे चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा आदि जिलों के लोग लाभान्वित होंगे। बांदा सदर सीट से भाजपा के विधायक प्रकाश द्विवेदी कहते हैं कि देश में मोदी और उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद से बुंदेलखंड का तेजी से विकास हुआ है। इस एक्सप्रेसवे से बुंदेलखंड के सीधा दिल्ली से जुड़ने का लाभ लोगों को मिलेगा और पिछड़ेपन के दाग से बुंदेलखंड मुक्त हो सकेगा।
उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेसवे का नेटवर्क:
1. यमुना एक्सप्रेसवे- 165 KM
2. नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे- 25 KM
3. आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे- 302 KM
4. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे- 96 KM
5. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे- 341 KM
6. बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे- 296 KM
कुल संचालित एक्सप्रेसवे- 1225 KM
निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे :
1. गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे- 91 KM
2. गंगा-एक्सप्रेस वे- 594 KM
3. लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे- 63 KM
4. गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे- 380 KM
5. गोरखपुर-सिलिगुड़ी एक्सप्रेसवे- 519 KM
6. दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेसवे- 210 KM
7. गाजीपुर-बलिया-मांझीघाट एक्सप्रेसवे- 117 KM
कुल निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे- 1974 KM
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साभार : newsonair