अगर यह परीक्षा होती है तो कोरोना वायरस महामारी फैलने और लॉकडाउन के बाद यह पहली बड़ी परीक्षा होगी।

यूपीएससी के सदस्य बीएस बस्सी ने हिन्दुस्तान टाइम्स के साथ खास बातचीत में कहा, ‘यह परीक्षा पूरे देश में आयोजित होती है और इसमें करीब 10 लाख लोगों ने आवेदन किया है। औसतन करीब 7 लाख उम्मीदवार परीक्षा में बैठेंगे। हम स्थिति को ध्यान में रखकर परीक्षा पर 3 मई के बाद फैसला करेंगे।’

यूपीएससी अधिकारी ने कहा कि हालांकि परीक्षा के आयोजन की तैयारी छह माह पहले ही शुरू हो गई थी। डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर्स और डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने परीक्षा केंद्रों की पहचान कर ली है। इनमें से ज्यादातर स्कूल हैं और कुछ कॉलेज हैं। लिस्ट में से करीब 2500 केंद्रों का चयन किया गया है। लेकिन लिस्ट में शामिल काफी स्कूलों को अब क्वारंटाइन केंद्रो में तब्दील कर दिया गया है। इसके अलावा आयोग को अभ्यर्थियों के एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने को लेकर भी सोचना होगा।

यूपीएससी ने आयोग, केंद्र व राज्य सरकारों से उन कर्मचारियों की भी पहचान कर ली है जिनकी ड्यूटी इस परीक्षा के आयोजन में लगेगी। करीब 1.6 लाख कर्मचारियों की मदद से इसका आयोजन होगा।

हम आमतौर पर स्टेशनरी और आंसरशीट का कंसाइनमेंट परीक्षा से तीन माह पहले भेज देते हैं। लेकिन इस बार कंसाइनमेंट फंस गया है। यह इंडिया पोस्ट द्वारा डिलीवर किया जाता है। लेकिन अभी इंडिया पोस्ट जरूरी चीजों की आपूर्ति करने में लगा हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘यहां तक कि आयोग को भी अभी कुछ सूझ नहीं रहा है कि क्या किया जाना चाहिए। हमें परीक्षा को टालने के लिए कई पत्र मिल रहे हैं।’

UPSC Prelims Admit Card 2020
उन्होंने कहा कि परीक्षा के एडमिट कार्ड बिल्कुल तैयारी हैं।  अगर हम चाहें तो उसे आज जारी कर सकते हैं। लेकिन बाद में हमें अभ्यर्थियों के परीक्षा केंद्र बदलने पड़ सकते हैं। पश्चिम बंगाल में स्कूल जून मध्य तक बंद हैं। हम वहां राज्य सरकार के सहयोग के बिना परीक्षा आयोजित नहीं कर सकते। परीक्षा को टालने के केस में एक दिक्कत यह भी है कि ऐसा होने पर अभ्यर्थियों को मेन्स एग्जाम की तैयारी में बहुत कम समय मिलेगा।

 

 

 

source : Hindustan

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