अमेरीकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन मंगलवार को दो दिन की यात्रा पर भारत आ रहे हैं। विदेश मंत्री बनने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा है।
इस वर्ष मार्च में अमरीकी विदेश सचिव लायड ऑस्टिन और अप्रैल में जलवायु परिवर्तन मामलों के विशेष दूत जॉन कैरी ने भारत की यात्रा की थी।
श्री ब्लिंकेन की यात्रा दोनों देशों के बीच व्यापक मुद्दों पर आपसी सहयोग बढ़़ाने का एक अवसर है। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश बढ़ाने तथा स्वास्थ्य, शिक्षा, डिजिटल क्षेत्र, नवाचार और सुरक्षा संबंधी अवसरों का उपयोग करने पर भी चर्चा होगी।
दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग मजबूत करने पर भी विमर्श होने की संभावना है। इसमें नीतिगत आदान-प्रदान, संयुक्त अभ्यास और रक्षा तकनीकी हस्तांतरण के मुद्दें शामिल होंगे। इस वर्ष बाद में होने वाली चौथी मंत्रिस्तरीय वार्ता में इस मुद्दे पर भी चर्चा होने की संभावना है।
वार्ता में क्वाड देशों के बीच सहयोग बढ़ाने और इस वर्ष क्वाड देशों के विदेशमंत्रियों की बैठक की संभावना पर भी प्रमुखता से चर्चा होगी।
सूत्रों का कहना है कि दोनों देशों की वार्ता में क्षेत्रीय सुरक्षा की स्थिति, अफगानिस्तान से अमरीकी सैनिकों की वापसी के प्रभाव और आतंक के लिए धन उपलब्ध कराने के विरूद्ध पाकिस्तान पर लगातार दबाव बनाए रखने की आवश्यकता के मुद्दे शामिल होंगे।
भारत अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा धीरे-धीरे बहाल हुए जाने, कोविड प्रोटोकॉल को बनाए रखने, विद्यार्थियों, पेशेवरों, कारोबारियों, पारिवारिक मेल-जोल और मानवाधिकार के मामलों में आवाजाही को आसान बनाने के मुद्दे उठाएगा। जरूरी दवाओं और स्वास्थ्य उपकरणों की आपूर्ति के मुद्दे पर भी चर्चा होने की संभावना है।
दोनों देशों के विमर्श में, संयुक्त राष्ट्र में मिलकर काम करने के मुद्दे भी शामिल होंगे- खासकर यह देखते हुए कि अगस्त में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की अध्यक्षता भारत को मिलने जा रही है ।
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