उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए कल के मतदान की सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मतदान सवेरे सात बजे से शाम छह बजे तक चलेगा।
पहले चरण में कल विधानसभा की 58 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे जिनमें से नौ अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित हैं। ये विधानसभा सीटें 11 जिलों शामली यानी प्रबुद्ध नगर, मेरठ, हापुड यानी पंचशील नगर, मुजफ्फरनगर, बागपत, गाजियाबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़, आगरा, गौतमबुद्ध नगर और मथुरा जिले में हैं।
इस चरण में दो करोड़ 28 लाख मतदाता हैं। इनमें एक करोड 24 लाख पुरूष, एक करोड़ चार लाख महिलाएं और एक हजार 448 उभयलिंगी मतदाता हैं। मतदाताओं की सुविधा के लिए 26 हजार 27 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं।
पहले चरण में 623 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं जिनमें से 73 महिलाएं हैं। ज्यादातर सीटों पर बहुकोणीय मुकाबला है। मथुरा और मुजफ्फरनगर सीट के लिए सर्वाधिक 15-15 जबकि इग्लास सीट पर सबसे कम पांच उम्मीदवार चुनाव लड रहे हैं।
वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को पहले चरण के 58 निर्वाचन क्षेत्रों में से 53 सीटों पर जीत मिली थी जबकि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को दो-दो और राष्ट्रीय लोकदल को एक सीट मिली थी।
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने अनुप्रिया पटेल के अपना दल (सोनेलाल) और संजय निषाद के नेतृत्व वाली निषाद पार्टी के साथ गठबंधन किया है। समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रीय लोक दल, शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया), ओम प्रकाश राजभर के नेतृत्व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, कृष्णा पटेल के नेतृत्व वाली जनवादी पार्टी (समाजवादी) और अपना दल (कामेरावाड़ी) के साथ गठबंधन किया है। ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस को कोई उम्मीदवार चुनाव नहीं लड रहा है लेकिन उसने सपा को समर्थन देने की घोषणा की है।
इस बीच, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी ने किसी भी दल से गठबंधन नहीं किया है। असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने बाबू सिंह कुशवाहा की जन अधिकार पार्टी और भारत मुक्ति मोर्चा के साथ गठबंधन किया है।
भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी ने भी 30 से अधिक क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन किया है। इस गठबंधन का नाम सामाजिक परिवर्तन मोर्चा है। जनता दल (यूनाइटेड) राज्य में स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ रही है।
इस चरण में प्रमुख भाजपा उम्मीदवारों में उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, सुरेश राणा, श्रीकांत शर्मा और चौधरी लक्ष्मी नारायण सहित नौ मंत्री, राज्य महासचिव पंकज सिंह के साथ संगीत सोम, सत्यवीर त्यागी और मृगांका सिंह शामिल हैं।
समाजवादी पार्टी ने इस चरण के दौरान नाहिद हसन, संजय लाथर और सुनील चौधरी के साथ पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर को मैदान में उतारा है, जबकि बसपा ने मदन चौहान और कृपा राम शर्मा को मैदान में उतारा है।
राष्ट्रीय लोक दल के कुछ प्रमुख उम्मीदवार अवतार सिंह भड़ाना, राजपाल, गजराज सिंह, तेज पाल सिंह और मनीषा अहलावत हैं, जबकि कांग्रेस के उपेंद्र सिंह और पंखुड़ी पाठक तथा आम आदमी पार्टी के पंकज अवाना भी मैदान में हैं।
निर्वाचन आयोग ने सभी मतदान केंद्रों पर ईवीएम के साथ वीवीपैट मशीनों के इस्तेमाल का फैसला किया है ताकि चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी और विश्वसनीय रहे। वीवीपैट मशीन से मतदाता दिए गये अपने वोट को सत्यापित करता है।
चुनाव के सुचारू संचालन के लिए पर्याप्त संख्या में ईवीएम के साथ-साथ वीवीपैट मशीनों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।
निर्वाचन आयोग कोविड और ओमिक्रॉन के संक्रमण के मद्देनजर सुरक्षित मतदान पर ध्यान दे रहा है।
आयोग ने एक मतदान केंद्र में एक हजार पांच सौ मतदाताओं के स्थान पर अधिकतम एक हजार दो सौ पचास मतदाताओं को अनुमति देने का फैसला किया है। इसके साथ ही, गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के मतदान केंद्रों की संख्या में भी बड़ा बदलाव किया गया है। इसलिए इन राज्यों में मतदान केन्द्रों की संख्या बढकर एक लाख 74 हजार 351 हो गई है जो 2017 के मतदान केन्द्रों की तुलना में 18 दशमलव चार-नौ प्रतिशत अधिक है।
कोरोना से संक्रमित और संदिग्ध संक्रमित व्यक्तियों, दिव्यांगजनों और 80 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए डाक मत पत्र के विकल्प की सुविधा बढा दी गयी है। इन लोगों को घर पर या संस्थागत पृथकवास में रहने का सक्षम प्राधिकारी से प्रमाण पत्र दिखाना होगा।
आयोग ने संबंधित मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि मतदान केन्द्र पर पीने का पानी, प्रतीक्षालय, शौचालय, रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था, दिव्यांगजनों के लिए रैंप आदि की सुविधाएं हों। मतदान केंद्र पर सेनिटाइजेशन, प्रवेश द्वारों पर मतदाताओं की थर्मल जांच के लिए मतदान कर्मचारी या पैरामेडिकल स्टाफ या आशा कार्यकर्ता होंगे।
मतदान केन्द्र पर मतदाताओं के तापमान की जांच की जाएगी। यदि तापमान अधिक पाया जाता है तो दोबारा जाँच की जाएगी और उसे टोकन देकर चुनाव के अंतिम घंटे में मतदान के लिए आने के लिए कहा जाएगा।
कोविड महामारी को देखते हुए सभी निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान का समय एक घंटे बढ़ा दिया गया है। क्वारंटीन में रह रहे कोविड मरीज स्वास्थ्य अधिकारियों के निर्देशन में और कोविड उपायों का सख्ती से पालन करते हुए मतदान के अंतिम घंटे मे वोट डाल सकेंगे।
सोशल मीडिया पर अपडेट्स के लिए Facebook (https://www.facebook.com/industrialpunch) एवं Twitter (https://twitter.com/IndustrialPunch) पर Follow करें …