उत्तर प्रदेश में निवेश बढ़ाने के साथ ही रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए राज्य सरकार कई मोर्चे पर काम कर रही है। इन्हीं प्रयासों से उत्तर प्रदेश अब रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में भी हब बनता जा रहा है। दरअसल, ब्रह्मोस एयरोस्पेस अपनी लखनऊ इकाई में 2024 के मध्य से हर साल 80 से 100 नई ब्रह्मोस मिसाइलों का उत्पादन करेगा। राज्य और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयासों से उत्तर प्रदेश जल्द ही रक्षा उत्पादन हब बनने की राह पर है।
लखनऊ नोड में ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण
ब्रह्मोस एयरोस्पेस के सीईओ और एमडी अतुल डी. राणे के अनुसार, ‘लखनऊ में निर्माण कार्य जोरों पर है। इकाई स्थापित होने के बाद 2024 के मध्य तक ब्रह्मोस का उत्पादन शुरू किया जा सकता है। ‘ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण डिफेंस कॉरिडोर के लखनऊ नोड में शुरू होने वाला है। तीन जून को राज्य की राजधानी में ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी तीन के आयोजन स्थल पर प्रदर्शनी में 110 स्टालों में से एक में प्रतिष्ठित ब्रह्मोस मिसाइल लांचर प्रदर्शित किया गया था, जिसे प्रधानमंत्री ने विशेष दिलचस्पी के साथ देखा था।
लखनऊ में ब्रह्मोस विनिर्माण केंद्र स्थापित
ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने लखनऊ इकाई से एक वर्ष में 80-100 मिसाइलों को वितरित करने की योजना बनाई है। गौरतलब हो कि डीआरडीओ राज्य की राजधानी में ब्रह्मोस विनिर्माण केंद्र स्थापित कर रहा है। 200 एकड़ के क्षेत्र में फैला, ब्रह्मोस एयरोस्पेस दुनिया की सबसे अच्छी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली का निर्माण करेगा। इसे ब्रह्मोस-एनजी के रूप में नामित किया गया है। इसकी खासियत है कि इसे पनडुब्बी, जहाज, विमान या जमीन से लॉन्च किया जा सकता है।
500 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा
विनिर्माण केंद्र एक आधुनिक, अत्याधुनिक सुविधा होगी। इकाई की आधारशिला, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले साल 26 दिसंबर को रखी थी। इस परियोजना से लगभग 500 इंजीनियरों और तकनीशियनों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। इसके अलावा पांच हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। रक्षा उद्योग से जुड़ी सहायक इकाइयों की स्थापना से करीब 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
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