वेदांता ग्रुप (Vedanta Group) के चेयरमैन अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) अपनी जीवन यात्रा को सोशल प्लेटफॉर्म के जरिए बयां करते हैं। उन्होंने 50 पहले का एक किस्सा बताते हुए कहा कि किस तरह से उन पर मुंबा देवी की कृपा रही है। पढ़ें उन्हीं के शब्दों में :
मुझे याद है जब मैं 50 साल पहले ठीक इसी टाइम मुंबई आया था तो मैं VT स्टेशन से सामान लेकर कालबादेवी के एक लॉज में रुका था। वह एक शेयरिंग लॉज थी, जिसमें एक कमरे में 7 बेड थे। मैंने सामान लॉज में रखा और सबसे पहले मुंबा देवी के दर्शन करने गया।
मैंने माँ से कहा, “हे माँ, मैं तेरे पास आ गया हूँ, अब तू ही मुझे संभाल और मुझे अपनी शरण में ले।” माँ की मूर्ति के सामने खड़े होकर मैंने अपने जीवन के सपनों और आकांक्षाओं को माँ के चरणों में समर्पित किया। तब से लेकर आज तक मैं मुंबा देवी के दर्शन सैकड़ों बार कर चुका हूँ पर हर बार एक नई ऊर्जा मिलती है।
उस वक्त मैंने कॉटन एक्सचेंज के पास भोईवाड़ा में 80 स्क्वायर फीट का एक ऑफिस लेकर काम शुरू किया था। वह मेरे जीवन का एक बहुत कठिन पर एक्साइटिंग टाइम था, लेकिन मुंबा माँ की कृपा से मैंने उस समय को भी पॉज़िटिवली पार किया। लाखों लोग अपने अरमानों के साथ मुंबई शहर में आते हैं, और माँ उनको अपनी शरण में लेती हैं।
पिछले हफ्ते जब मैं मुंबा देवी के दर्शन करने गया तो मेरा मन गदगद हो गया। मंदिर के आसपास का वातावरण पहले से भी ज़्यादा अच्छा था, और नयी-नयी दुकानें खुल गई थीं। खाने-पीने से लेकर कपड़ों और ज्वैलरी तक का व्यापार यहाँ हो रहा था। चहल-पहल और हलचल पहले से भी ज़्यादा थी।
मुझे आज यह एहसास हुआ कि समय कितना भी बदलता हो, लेकिन मुंबई की आत्मा वही रहती है। मुंबा देवी को मेरा शत-शत नमन। माँ से मेरी यही प्रार्थना है कि मुझ पर और सभी मुंबई वासियों पर आप अपना आशीर्वाद यूँ ही बनाए रखें।