बिजनेसमैन अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) की माइनिंग कंपनी वेदांता लिमिटेड (Vedanta Ltd) अपने शेयरहोल्डर्स को लाभांस (dividend) देने की घोषणा शनिवार को कर सकती है। इससे लिए वेदांता बोर्ड की अहम बैठक शनिवार को होगी, जिसमें कंपनी डिविडेंड देने पर विचार करेगी। वित्त वर्ष 2020-21 के पहले अंतरिम लाभांश की रिकॉर्ड डेट 31 अक्टूबर तय की गई है। यानी 31 अक्टूबर 2020 तक के लिए शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड मिलेगा। इस खबर के बाद आज शेयर बाजार में वेदांता के स्टॉक्स में 5% की तेजी देखने को मिली है दोपहर 1.45 बजे NSE पर कंपनी के शेयर 4.75% की तेजी के साथ 106 रुपये प्रति शेयर पर ट्रेड कर रहे थे। वहीं BSE पर कंपनी के एक शेयर की कीमत 4.70% की उछाल के साथ 105.95 रुपये थी।
आपको बता दें कि वेदांता की पेरेंट कंपनी वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड (Vedanta Resources Ltd.- VRL) सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड है और उस पर 6.7 बिलियन डॉलर यानी 40,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है। वेदांता का डिलिस्टिंग ऑफर (delisting offer) फेल होने के बाद अनिल अग्रवाल अब इस कर्ज को चुकाने के लिए भारत में अपनी दूसरी सहायक कंपनियों से फंड जुटाना चाहते हैं। इसी के मद्देनजर डिविडेंड से मिलने वाले राजस्व और इंटर-कॉर्पोरेट लोन (inter-corporate loans) के सरप्लस कैश से VRL का कर्ज चुकाना चाहते हैं।
हिन्दुस्तान जिंक कर चुका है लाभांस को घोषणा
इसी सप्ताह वेदांता लिमिटेड की मालिकाना हक वाली कंपनी हिन्दुस्तान जिंक (Hindustan Zinc) ने सितंबर तिमाही के नतीजे घोषित होने के बाद अपने निवेशकों को प्रति शेयर 21.30 रुपये डिविडेंड देने की घोषणा की है, यह राशि 9000 करोड़ रुपये के करीब है। इसमें डिविडेंड का अधिकतर हिस्सा वेदांता को ही मिला, क्योंकि हिन्दुस्तान जिंक में Vedanta के मालिक अनिल अग्रवाल का 65 फीसदी शेयर है। हिन्दुस्तान जिंक में वेदांता के प्रमोटर अनिल अग्रवाल के 274.31 करोड़ शेयर हैं जिसकी वैल्यू 30 सितंबर के हिसाब से 5,843 करोड़ रुपये है।
वेदांता की रेटिंग्स हो सकती है डाउनग्रेड
मंगलवार को रेटिंग एजेंसी S&P Global और मूडीज (Moody) ने वेदांता की रेटिंग को डाउनग्रेड करने के लिए रिव्यू (review for downgrade) में रखा। इससे कंपनी को दोबारा फंड जुटाने में मुश्किल आ सकती है और कंपनी को अभी पैसों की बहुत जरूरत है। इससे पहले अगस्त में मूडीज ने कहा था कि अगर वेदांता प्राइवेट कंपनी बनती है तो उसे कम से कम 2 बिलियन डॉलर का कर्ज चुकाना होगा। लेकिन मंगलवार को मूडीज ने कहा, वेदांता में फंडिंग का रिस्क अब बढ़ गया है और कंपनी को अप्रैल 2020 से मार्च 2022 के बीच 2.9 बिलियन डॉलर का कर्ज चुकाना होगा। साथ ही उसे सालाना 470 मिलियन डॉलर का Interest भी चुकाना होगा।