वेदांता लिमिटेड (Vedanta Limited) के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने बुधवार को कहा कि कंपनी अपने विभिन्न कारोबार को अलग करने की योजना पर आगे बढ़ रही है, जिससे छह नई कंपनियां बनेंगी और व्यापक मूल्य हासिल किया जा सकेगा। वेदांता को अपने कारोबार को अलग करने की योजना के लिए ज्यादातर कर्जदाताओं से मंजूरी मिल गई है। यह कंपनी को छह स्वतंत्र सूचीबद्ध कंपनियों में विभाजित करने की योजना के लिए एक अहम कदम है।

अग्रवाल ने वेदांता के शेयरधारकों की 59वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए कहा, “हम अपने कारोबार को अलग करने की योजना पर आगे बढ़ रहे हैं। इससे छह सशक्त कंपनियों का निर्माण होगा जिनमें से प्रत्येक अपने-आप में वेदांता होगी। इससे बड़े पैमाने पर मूल्य हासिल होगा।”

उन्होंने कहा कि अलग होने वाली प्रत्येक इकाई अपनी योजना खुद बनाएगी, लेकिन वेदांता के मूल मूल्यों, इसकी उद्यमशीलता की भावना और वैश्विक नेतृत्व का अनुसरण करेगी।

अग्रवाल ने कहा, “हम एक अद्भुत बदलाव के मुहाने पर खड़े हैं, लिहाजा हमारा जोश चरम पर है। यह विभाजन हमारे सफर को रफ्तार देगा।” वेदांता ने सितंबर, 2023 में धातु, बिजली, एल्युमीनियम और तेल एवं गैस कारोबार को अलग करने की घोषणा की थी। इस तरह छह स्वतंत्र कंपनियां- वेदांता एल्युमिनियम, वेदांता ऑफिल एंड गैस, वेदांता पावर, वेदांता स्टील एंड फेरस मटीरियल्स, वेदांता बेस मेटल्स और वेदांता लिमिटेड बनाई जाएंगी।

चेयरमैन ने कहा कि हरेक इकाई को पूंजी आवंटन और उनकी वृद्धि रणनीतियों के संबंध में अधिक स्वतंत्रता होगी। इससे निवेशकों को अपनी पसंद के उद्योगों में निवेश करने की स्वतंत्रता होगी जो वेदांता परिसंपत्तियों के लिए समग्र निवेशक आधार बढ़ाने का काम करेगा।

उन्होंने कहा, “शेयरधारकों के पास फिलहाल वेदांता लिमिटेड के जितने शेयर हैं, उनमें से प्रत्येक शेयर पर उन्हें पांचों नई सूचीबद्ध कंपनियों का एक-एक शेयर अतिरिक्त रूप से मिलेगा।”

उन्होंने कहा कि वेदांता के राजस्व का 70 प्रतिशत भविष्य के महत्वपूर्ण खनिजों से आता है और कंपनी इन धातुओं एवं खनिजों का स्थायी रूप से उत्पादन करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कंपनी ने भारत में 35 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है और वह विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा, “इस साल हम तेजी से विस्तार की कोशिशों में लगे हुए हैं। हम लांजीगढ़ में अपनी एल्युमिना रिफाइनरी का क्षमता विस्तार, गोवा में बिचोलिम खदान का संचालन, गुजरात में जया तेल क्षेत्र में उत्पादन शुरू करने वाले हैं।”

(Source : Business Standard)