कोरबा। सोमवार को वेदांता लिमिटेड के निदेशक मंडल की बैठक हुई। इसमें भारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) के स्मेल्टर प्लांट के क्षमता विस्तार को मंजूरी दी गई।
आज एक रेगुलेटरी फाइलिंग में वेदांत लिमिटेड ने कहा कि बोर्ड ने आवश्यक सरकारी अनुमोदन के बाद बालको की स्मेल्टर क्षमता को 414 केटीपीए (किलो टन प्रति वर्ष) और बढ़ाने की मंजूरी दी है। वर्तमान में, कोरबा में कंपनी के प्लांट में 570 केटीपीए की स्मेल्टर क्षमता है जिसमें सिल्लियां, मिश्र धातु सिल्लियां, वायर-रॉड, बसबार और रोल्ड उत्पादों का उत्पादन करने की क्षमता है।
यहां बताना होगा कि स्मेल्टर संयंत्र के क्षमता विस्तार के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति हेतु फरवरी में लोक सुनवाई हुई थी।
प्रस्तावित एल्यूमिनियम स्मेल्टर विस्तार से बालको की उत्पादन क्षमता 5.70 लाख टन प्रति वर्ष से बढ़कर लगभग 10.85 लाख टन प्रति वर्ष हो जाएगी। बालको दुनिया में एक ही स्थान पर 10 लाख टन एल्यूमिनियम उत्पादन करने वाला उद्योग बन जाएगा।
बालको की बिजली उत्पादन क्षमता 2010 मेगावॉट है। पूरी दुनिया में बालको ही एकमात्र ऐसी कंपनी है जो अपना पूरा मुनाफा विस्तार कार्यों और सामाजिक उत्थान परियोजनाओं पर पुनर्निवेशित कर रही है।
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एल्यूमिनियम उत्पादन क्षमता के आधार पर वर्तमान में बालको पूरी दुनिया में 34वें स्थान पर है। प्रस्तावित विस्तार क्षमता के मूर्त रूप ले लेने से बालको का दुनिया में स्थान 14वां हो जाएगा।
बालको के पास वर्तमान में देश के बाजार का लगभग 22 फीसदी हिस्सा है।
उत्पादन क्षमता के आधार पर वर्तमान में बालको देश में दूसरे स्थान पर है। क्षमता में वृद्धि से बालको ‘वन मिलियन टन क्लब’ में शामिल हो जाएगा। पहले स्थान पर वेदांता समूह की ही कंपनी है जिसके स्मेल्टर ओडीशा के झारसुगुड़ा में स्थित हैं।
बालको विस्तार परियोजना के अंतर्गत बड़ी संख्या में लोगों को प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रोजगार मिलेंगे।
बालको से डाउनस्ट्रीम एल्यूमिनियम उद्योग को भी प्रोत्साहन मिलेगा। एल्यूमिनियम आधारित अनेक छोटे एवं मध्यम उद्योगों के विकास का लाभ कोरबा एवं छत्तीसगढ़ के नागरिकों को ही मिलेगा।
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