कोरबा, 08 सितम्बर। गुरुवार को कोयला मंत्रालय (Coal Ministry) की संयुक्त सचिव विस्मिता तेज तथा निदेशक (CPD) मुकेश चौधरी ने एसईसीएल (SECL) की मोगा परियोजनाओं का दौरा किया। उन्होंने गेवरा हाउस में गेवरा प्रोजेक्ट की कोर टीम से मुलाकात की व संचालन गतिविधियों से अवगत हुए।
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दोपहर में दीपका खदान का विज़िट किया गया। यहां ओबी निष्कासन का मुआयना किया गया। कोल मंत्रालय के अधिकारियों ने कोल डिस्पैच तथा सुआभोंडी पैच का भी अवलोकन किया। देर शाम क़ुसमुंडा परियोजना की टीम से मुलाकात की गई।
यहां बताना होगा कि वर्ष 2024-25 में कोल इण्डिया लिमिटेड (CIL) द्वारा एक बिलियन टन उत्पादन लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसमें एक चौथाई से अधिक की हिस्सेदारी एसईसीएल की होगी।
कंपनी की मेगा परियोजनाएं गेवरा, दीपका व कुसमुंडा देश की अर्थव्यवस्था के लिहाज़ से महत्वपूर्ण हैं। यहां से 100 मिलियन टन से अधिक कोयला बिजली घरों और उद्योगों तक जाता है।
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एक अनुमान के अनुसार अकेले गेवरा कोलफ़ील्ड्स में इतना कोयला रिज़र्व है कि देश के 10 सालों के बिजली की आवश्यकता की पूर्ति की जा सकती है। एसईसीएल वार्षिक आधार पर गत वर्ष की तुलना में उत्पादन व डिस्पैच में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि में है।
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