नई दिल्ली, 10 जुलाई। कोयला कामगारों के 11वें वेतन समझौते को यूनियन द्वारा कोल मिनिस्टर प्रल्हाद जोशी को पत्र लिखे 10 दिन हो गए हैं। इधर, श्री जोशी की छह दिवसीय आस्ट्रेलिया की अधिकारिक यात्रा से स्वदेश वापसी हो चुकी है। अब यूनियन के नेताओं को इंतजार है कि कोयला मंत्री का मुलाकात के लिए बुलावा कब आएगा।
एक जुलाई को आयोजित हुई जेबीसीसीआई की 5वीं बैठक बगैर किसी नतीजे के खत्म हो गई थी। सीआईएल प्रबंधन तीन फीसदी एमजीबी पर ही अड़ा हुआ था। बैठक के बाद चारों यूनियन ने आपसी चर्चा कर उक्त मसले को लेकर कोयला मंत्री और कोल सचिव से मुलाकात के लिए समय मांगने पत्राचार किए जाने का निर्णय लिया था। एक जुलाई को ही कोयला मंत्री को पत्र लिखा गया। 2 जुलाई को कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने आस्ट्रेलिया की छह दिवसीय यात्रा के लिए रवानगी ली।
हालांकि यूनियन द्वारा पत्र भेजने के 5 दिनों बाद कोयला मंत्रालय ने एक अधिकारिक बयान जारी किया था। इसमें कोयला मंत्रालय ने कहा था कि कोल इंडिया लिमिटेड ने NCWA- XI के तहत अब तक पांच बैठकें की हैं। इस कंपनी का उद्देश्य आपसी सहमति से अपने गैर- कार्यकारी कर्मियों के वेतन समझौते को जल्द से जल्द पूरा करना है।
सीआईएल अपने संघों (यूनियन) के साथ सौहार्दपूर्ण और मित्रतापूर्ण संबंध बनाए रखता है। साथ ही देश में कोयला क्षेत्र के महत्व को देखते हुए किसी भी तरह के मतभेद या हड़ताल से बचने का प्रयास करता है। इस संबंध में वार्ता चल रही है और आम तौर पर समझौते को पूरा करने में समय लगता है।
इस बयान को यूनियन और कोयला कामगारों की नाराजगी को दूर करने के संदर्भ में लिया गया। दरअसल प्रबंधन भी कोल सेक्टर में किसी प्रकार का आंदोलन या हड़ताल नहीं चाहता है। यूनियन के लोग कोयला मंत्री से मुलाकात कर उन्हें वेतन समझौते को सीआईएल प्रबंधन के रवैये और पूरी वास्तुस्थिति से अवगत करना चाहते हैं।
बीएमएस के एक वरिष्ठ नेता और जेबीसीसीआई सदस्य का कहना है कि कोयला मंत्री की छह दिवसीय विदेष यात्रा से तीन दिन पहले ही वापसी हुई है। कोयला मंत्रालय का बयान के रूप में रिस्पांस आया है। बावजूद इसके कोयला मंत्री के बुलावे का इंतजार रहेगा। हम 15 – 20 और इंतजार करेंगे। इसके बाद सोचेंगे आगे क्या करना है।
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