नई दिल्ली, 25 फरवरी। कमॅर्शियल कोल माइनिंग (Commercial Coal Mining) के 11वें चरण की नीलामी के तहत कोयला खदान हासिल करने के लिए वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (WCL) ने बोलियां जमा की हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है कि सीआईएल की कोई अनुषांगिक कंपनी नीलामी में भागीदारी कर रही है।

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डब्ल्यूसीएल ने भंडक वेस्ट (Bhandak West) तथा दहेगांव/ मकरधोकरा- iv (Dahegaon/Makardhokra- iv)  कोल ब्लॉक की नीलामी में सम्मिलित होने के लिए बोली जमा की है। भंडक कोल ब्लॉक चन्द्रपुर जिले में स्थित है। इस खदान में 36.17 मिलियन टन कोल रिजर्व है। भंडक कोल ब्लॉक के लिए डब्ल्यूसीएल सहित 15 कंपनियों ने बोली जमा की है।

इसी तरह दहेगांव/ मकरधोकरा- 4 कोल ब्लॉक नागपुर जिले में स्थित है। यहां 120.99 मिलियन टन कोयला भंडारित है। इस कोल ब्लॉक के लिए डब्ल्यूसीएल के अलावा जिंदल पॉवर लिमिटेड, गायत्री रियलबिल्ड प्राइवट लिमिटेड ने भी बोली जमा की है।

11वें चरण की नीलामी 17 फरवरी से शुरू होनी थी, लेकिन कोयला मंत्रालय ने इसे स्थगित कर दिया है। 11वें चरण की नीलामी के लिए 27 कोयला खदानें प्रस्तावित की गई थीं। इसमें 20 खदानों के लिए 46 कंपनियों द्वारा 72 बोलियां जमा की गई हैं।

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इधर, कोल इंडिया की अनुषांगिक कंपनी के कमॅर्शियल कोल माइनिंग के तहत कोल ब्लॉक हासिल करने के लिए नीलामी में सम्मिलित होने को लेकर सवाल उठ रहे हैं। HMS नेता शिवकुमार यादव ने industrialpunch.com से चर्चा करते हुए कहा कि सीआईएल की सहयोगी कंपनियों को कोयला खदान की प्रतियोगिता में शामिल करना उचित नहीं है। इन कंपनियों को अच्छी गुणवत्ता वाले कोल ब्लॉक सीधे आबंटित होने चाहिए। यदि कोयला खदान की दौड़ में सीआईएल की सहयोगी कंपनियों को सम्मिलित किया जा रहा है तो उन्हें भी उनकी दरों पर बाजार में कोयला बेचने की स्वतंत्रा देनी चाहिए।

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