नागपुर, 18 जनवरी। वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (WCL) ने भूमि मुआवजा प्रक्रिया में पारदर्शी और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए महाराष्ट्र रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
समझौता ज्ञापन पर डब्ल्यूसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक मनोज कुमार के मार्गदर्शन में ए के सिंह निदेशक (परियोजना एवं योजना) डब्ल्यूसीएल और डॉ ए के जोशी निदेशक, एमआरएसएसी, नागपुर द्वारा हस्ताक्षर किए गए।
महाराष्ट्र रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर, नागपुर उत्कृष्टता का एक संगठन है, जो महाराष्ट्र सरकार के योजना विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक स्वायत्त निकाय के रूप में स्थापित है, जो रिमोट सेंसिंग और भौगोलिक सूचना प्रणाली के क्षेत्र में काम कर रहा है। महाराष्ट्र रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर, नागपुर ने राज्य और केंद्र सरकार के लिए महत्व की विभिन्न परियोजनाएं शुरू की हैं।
डब्ल्यूसीएल में भूमि का अधिग्रहण सीबीए (ए एंड डी) अधिनियम 1957 के तहत किया जाता है। अधिग्रहण के बाद भूमि का मुआवजा [राजपत्र में प्रकाशित सीबीए (ए एंड डी) अधिनियम 1957 की अधिसूचना यू/एस 9(1) से तीन साल पहले भारत का] राज्य सरकार से उपलब्ध भूमि रिकॉर्ड के आधार पर तैयार किया जाना है।
भूमि की स्थिति, विशेष रूप से सिंचित/असिंचित, अर्जित भूमि में वित्तीय और रोजगार के संबंध में बहुत महत्वपूर्ण कारक है। तकनीकी समझौता ज्ञापन सभी उद्देश्यों के लिए भूमि श्रेणी मूल्यांकन कार्य की पूरी प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने में मदद करेगा। महाराष्ट्र रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर उपग्रह इमेजरी बैंड प्रदान करने और 50 सेमी उपग्रह इमेजरी के साथ भू-संदर्भित करने के बाद गांव के कैडस्ट्राल मानचित्रों का वास्तविक रंग समग्र तैयार करने के लिए सहमत है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि एमओयू पर हस्ताक्षर करना नैतिकता को बढ़ावा देने की डब्ल्यूसीएल की प्रतिबद्धता की दिशा में एक बड़ा कदम है।
समझौता ज्ञापन के समय एमएम देशकर, महाप्रबंधक (एल एंड आर, डब्ल्यूसीएल), राजेश कुमार सिंह, मुख्य प्रबंधक, (एल एंड आर, डब्ल्यूसीएल), डॉ. दिलीप कोलटे वरिष्ठ संसाधन वैज्ञानिक और डॉ. ए एस देशपांडे एसोसिएट वैज्ञानिक (महाराष्ट्र रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर) उपस्थित थे।