वेकोलि (WCL) निरंतर अपने परियोजना प्रभावित व्यक्तियों तथा आस-पास के बेरोज़गार युवाओं को समुचित प्रशिक्षण देकर उनमें रोजगारोन्मुख कौशल का विकास करने का प्रयास करता रहा है। वेकोलि की ओर से यह दायित्व मुख्यतः मानव संसाधन विकास विभाग द्वारा निभाया जाता है। अपने इस दायित्व को गति प्रदान करते हुए मानव संसाधन विकास विभाग द्वारा हाल ही में कई महत्वपूर्ण कदम बढ़ाए गए।
मानव संसाधन विकास विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए एफडीडीआई (FDDI) के साथ एमओयू (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। इस एमओयू के माध्यम से युवाओं के लिए रेगुलर एवं फैशनेबल कपड़ों तथा फुटवियर के डिजाइन एवं उत्पादन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण की समाप्ति पर उन्हें प्रमाणपत्र भी प्रदान किया जाएगा। यह प्रशिक्षण एफडीडीआई छिंदवाड़ा परिसर में आयोजित होगा। एफडीडीआई वेकोलि के परियोजना प्रभावित व्यक्तियों तथा बेरोज़गार युवाओं में इस विषय संबंधी जानकारी फैलाने तथा प्रशिक्षण में 18 से 35 वर्ष के युवाओं को शामिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस प्रशिक्षण में लगभग 110 प्रतिभागी शामिल होंगे।
इसी प्रकार 24 जुलाई, 2024 को, युवाओं में प्लास्टिक इंजीनियरिंग का कौशल विकसित करने के उद्देश्य से मानव संसाधन विकास विभाग ने सिपेट (CIPET) के साथ एमओयू किया। यह एमओयू वर्ष 2024-25 और 2025-26 के लिए किया गया है। इस समझौते के अंतर्गत महाराष्ट्र के चंद्रपुर, यवतमाल और नागपुर जिलों तथा मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और बैतूल आदि जिलों के युवाओं को प्लास्टिक इंजीनियरिंग का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इस प्रशिक्षण में प्रतिवर्ष 225 युवाओं को शामिल करने की योजना है।
26 जुलाई, 2024 को भी इसी प्रकार की सकारात्मक पहल करते हुए मानव संसाधन विकास विभाग ने एटीडीसी (ATDC) के साथ एमओयू किया। इस एमओयू के माध्यम से वेकोलि के परियोजना प्रभावित तथा बेरोज़गार युवाओं को बाजार की आवश्यकतानुसार कपड़े सिलने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण में 210 युवाओं को शामिल किया जाएगा।
यह सभी एमओयू वेकोलि की सीएसआर (CSR) नीति के अंतर्गत किए गए। यह एमओयू, वेकोलि की ओर से महाप्रबंधक (मासंवि) श्री पी. नरेन्द्र कुमार तथा एफडीडीआई, सिपेट एवं एटीडीसी के वरिष्ठ प्रबंधन द्वारा हस्ताक्षरित किए गए। इन सभी एमओयू का उद्देश्य युवाओं की क्षमता का विस्तार करते हुए, उनके लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है।