विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस के स्रोत का पता लगाने के लिए और अध्ययन तथा डेटा संग्रह का आह्वान किया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि वायरस के स्रोत का पता लगाने में सभी अवधारणाओं पर विचार किया जाना चाहिए। मूल स्रोत की जांच में लगी अंतर्राष्ट्रीय टीम के वुहान दौरे की रिपोर्ट कल प्रकाशित की गई। विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉक्टर टे़ड्रोस अधनोम घेब्रियसस ने यह रिपोर्ट जारी की।
डॉक्टर टेड्रोस ने कहा कि कोरोना वायरस के स्रोत का पता लगाने के लिए चीन गये विश्व स्वास्थ्य संगठन के जांचकर्ताओं को आंकडे उपलब्ध नहीं कराये गये। श्री टेड्रोस ने यह भी कहा कि दौरे पर गई टीम को शुरूआती आंकडों की जानकारी लेने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ा।
संगठन के महानिदेशक कोरोना वायरस के स्रोत का पता लगाने के लिए विशेषज्ञों की रिपोर्ट जारी करने के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे। श्री टेड्रोस ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि विशेषज्ञों के दल द्वारा किया गया आकलन पर्याप्त है। ठोस निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए और अधिक अनुसंधान की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट काफी महत्वपूर्ण शुरुआत है, लेकिन अभी वायरस के मूल स्रोत का पता नहीं लग सका है। इस दिशा में प्रयास जारी रखना होगा ताकि इस वायरस से जु़ड़े जोखिम को कम करने के लिए सामूहिक कदम उठाए जा सकें।
कोविड-19 का मामला सबसे पहले वर्ष 2019 के अंत में चीन के वुहान में हुबेई प्रान्त में सामने आया था। चीन सरकार ने वायरस के लीक होने के आरोपों को खारिज किया है। विशेषज्ञों के दल में ऑस्ट्रेलिया, चीन, डेनमार्क, जर्मनी, जापान, केन्या, नीदरलैंडस, कतर, रूसी संघ, ब्रिटेन, अमरीका और वियतनाम के विशेषज्ञ शामिल हैं। संयुक्त अंतर्राष्ट्रीय जांच टीम में 17 चीनी और 10 अन्य देशों 17 विशेषज्ञ, पशु स्वास्थ्य पर विश्व संगठन और विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञ हैं।
रिपोर्ट जारी होने के तुरंत बाद अमरीका और 13 सहयोगी देशों ने इसके निष्कर्षों की आलोचना की और चीन से जांच विशेषज्ञों को पूरा सहयोग उपलब्ध कराने का आग्रह किया। अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का मानना है कि कोविड-19 के स्रोत और विश्व समुदाय द्वारा उठाये जाने वाले कदमों के बारे में अमरीकियों को और अधिक सूचना पाने का अधिकार है।