मुंबई, 10 अक्टूबर। मशहूर उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) नहीं रहे। टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का निधन हो गया। रतन टाटा 86 साल के थे। उन्होंने बुधवार की देर रात मुंबई के अस्पताल में आखिरी सांस ली। आज उन्हें राजकीय सम्मान के साथ विदा किया जाएगा। रतन टाटा ने टाटा समूह को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई थी। बीते कुछ दिनों से उनकी तबीयत खराब थी। उनके स्वास्थ्य को लेकर कई तरह की खबरें भी आई थीं. दो दिन पहले ही यानी सोमवार को रतन टाटा ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए हेल्थ को लेकर अफवाहों को खारिज किया था। लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि उनका उत्तराधिकारी कौन होगा। उनकी 3,800 करोड़ रुप्ए की संपत्ति कौन संभालेगा।
ये हो सकते हैं वारिस
रतन टाटा ने शादी नहीं की थी। इसलिए उनकी कोई संतान भी नहीं है। ऐसे में रतन टाटा की संपत्ति का वारिस कौन होगा, इसे लेकर काफी अटकलें लगाई जा रही हैं। इस समय रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा संभावित उत्तराधिकारियों में टॉप पर चल रहे हैं। नोएल टाटा, रतन टाटा के पिता नवल टाटा की दूसरी पत्नी सिमोन से जन्मे हैं। परिवार का हिस्सा होने के कारण भी उत्तराधिकारियों में नोएल टाटा का नाम काफी ज्यादा लिया जा रहा है। नोएल टाटा के तीन बच्चे हैं। ये माया टाटा, नेविल टाटा और लिया टाटा हैं। ये भी रतन टाटा की संपत्ति के संभावित उत्तराधिकारियों में शामिल हैं।
क्या करते हैं नोएल टाटा के बच्चे
नोएल टाटा के तीनों बच्चे इस समय टाटा ग्रुप में अलग-अलग जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं। 34 साल की माया टाटा ने टाटा अपॉर्चुनिटीज फंड और टाटा डिजिटल में अपनी भूमिकाएं निभाई हैं। टाटा न्यू ऐप की लॉन्चिंग में उनका काफी योगदान था। 32 साल के नेविल टाटा ट्रेंट लिमिटेड में प्रमुख हाइपरमार्केट चेन स्टार बाजार को लीड कर रहे हैं। वहीं, 39 साल की लिया टाटा, टाटा ग्रुप के हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को देख रही हैं। वे ताज होटल्स रिसॉर्ट्स एंड पैलेसेस को संभाल रही हैं। वे इंडियन होटल कंपनी की भी देखरेख करती हैं।
जन्म 28 सितंबर 1937 को हुआ था
उल्लेखनीय है कि रतन टाटा का जन्म 28 सितंबर 1937 को हुआ था। उन्हें एक अरबपति होने के साथ ही एक सहृदय, सरल और नेक व्यक्ति के रूप में देखा जाता है। भारत के कारोबारी जगत में रतन टाटा के योगदान की काफी अहमियत है। उन्हें भारत के दो सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण (2008) और पद्म भूषण (2000) से सम्मानित किए जा चुका हैं। वह प्रतिष्ठित कैथेड्रल और जॉन कानोन स्कूल, बिशप कॉटन स्कूल (शिमला), कॉर्नेल यूनिवर्सिटी और हार्वर्ड के पूर्व छात्र हैं।
टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने यह कहा
टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने उनके निधन के बाद कहा कि हम अत्यंत क्षति की भावना के साथ श्री रतन नवल टाटा को विदाई दे रहे हैं। वह वास्तव में एक असाधारण नेता हैं जिनके अतुलनीय योगदान ने न केवल टाटा समूह बल्कि हमारे राष्ट्र के मूल ढांचे को भी आकार दिया है।
उन्होंने आगे कहा कि “टाटा समूह के लिए रतन टाटा एक चेयरपर्सन से कहीं अधिक थे। मेरे लिए वह एक गुरु, मार्गदर्शक और मित्र थे। उन्होंने उदाहरण पेश कर प्रेरित किया। उत्कृष्टता, अखंडता और नवाचार के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के साथ टाटा समूह ने उनके नेतृत्व में अपने वैश्विक पदचिह्न का विस्तार किया। वह हमेशा अपने नैतिक सिद्धांतों के प्रति सच्चे रहे।”