उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण की अधिसूचना जारी होने के साथ ही राज्य में चुनाव प्रक्रिया शुरू हो गई है। राज्य में 10 फरवरी से सात मार्च के बीच सात चरणों में मतदान कराया जाएगा।
पहले चरण में 58 विधानसभा सीटों के लिए 10 फरवरी को वोट डाले जायेंगे। इनमें अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित नौ सीटें भी शामिल हैं। ये निर्वाचन क्षेत्र 11 जिलों- शामली (प्रबुद्ध नगर) मेरठ, हापुड़ (पंचशील नगर), मुजफ्फरनगर, बागपत, गाजियाबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़, आगरा, गौतमबुद्ध नगर और मथुरा हैं। नामांकन पत्र 21 जनवरी तक भरे जा सकेंगे। नामांकन पत्रों की जांच 24 फरवरी को होगी। 27 फरवरी तक नाम वापस लिये जा सकेंगे।
इसे भी पढ़ें : रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पश्चिम बंगाल में न्यू दोमोहानी रेलवे स्टेशन के पास दुर्घटनास्थल का दौरा किया
दूसरे चरण में 55 निर्वाचन क्षेत्र में 14 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। तीसरे चरण में 59 सीटों के लिए 20 फरवरी को, चौथे चरण में 59 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए 23 फरवरी को मतदान होगा।
पांचवां चरण 27 फरवरी को होगा जिसमें 61 सीटों पर मतदान होगा। छठे चरण के तहत तीन मार्च को 57 निर्वाचन क्षेत्रों और सातवें तथा अंतिम चरण में सात मार्च को 54 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। वोटों की गिनती दस मार्च को होगी।
उत्तर प्रदेश में कुल 15 करोड़ पांच लाख 82 हजार 750 मतदाता हैं, जिनमें दो लाख 98,745 सैन्यकर्मी मतदाता शामिल हैं। राज्य में दिव्यांग मतदाताओं की संख्या 10 लाख 64 हजार 266 है। कुल मतदाताओं में आठ करोड़ चार लाख 52 हजार 746 पुरूष, छह करोड़ 98 लाख 22 हजार 416 महिला तथा आठ हजार 853 ट्रांसजेंडर हैं।
403 सीटों वाली राज्य विधानसभा में 84 सीटें अनुसूचित जाति और दो सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित हैं। वर्तमान में सदन में नौ सीटें रिक्त हैं।
देश भर में कोविड महामारी और ओमीक्रॉन के बढ़ते मामलों के मद्देनजर निर्वाचन आयोग सुरक्षित चुनावों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। सभी निर्वाचन अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अग्रिम पंक्ति का कार्यकर्ता माना जायेगा तथा सभी पात्र अधिकारियों को एहतियाती टीका लगाया जायेगा।
चुनाव प्रचार के दौरान कल तक किसी भी रोड शो, पदयात्रा, साइकिल या बाइक रैली और जुलूस की अनुमति नहीं होगी। निर्वाचन आयोग कल स्थिति की समीक्षा करेगा और उसके अनुसार आगे के निर्देश जारी करेगा। राजनीतिक दलों को सलाह दी गई है कि वे जितना हो सके डिजिटल माध्यम से अपना प्रचार अभियान चलाएं।
उम्मीदवारों द्वारा घर-घर चुनाव प्रचार के लिए अधिकतम पांच व्यक्तियों की अनुमति दी गई है। यदि कोई उम्मीदवार या राजनीतिक दल किसी भी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करता पाया गया, तो संबंधित उम्मीदवार या पार्टी को और प्रचार की अनुमति नहीं दी जाएगी।
इसे भी पढ़ें : संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से
आयोग ने इन चुनावों के दौरान दूरदर्शन और आकाशवाणी पर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को आवंटित प्रसारण समय को बढ़ाने का भी फैसला किया है।
इस बीच, राजनीतिक गतिविधियां पहले से ही शुरू हो चुकी हैं। ज्यादातर कार्यकर्ता मुख्य राजनीतिक दलों और विभिन्न पार्टी नेताओं से उम्मीदवारी की मांग कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर अपडेट्स के लिए Facebook (https://www.facebook.com/industrialpunch) एवं Twitter (https://twitter.com/IndustrialPunch) पर Follow करें …