विश्व बैंक ने भारत के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम-एमएसएमई क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए 50 करोड़ डॉलर के सहायता कार्यक्रम को स्वीकृति दी है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पांच लाख पचास हजार उद्यमों के प्रदर्शन में सुधार करना है।
देश में करीब पांच करोड़ 80 लाख एमएसएमई में से चालीस प्रतिशत से अधिक उद्यमों को औपचारिक स्रोतों से वित्तीय सुविधा उपलब्ध नहीं होती। एमएसएमई क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था देश की रीढ है। यह भारत के सकल घरेलू उत्पाद का तीस प्रतिशत और निर्यात का चालीस प्रतिशत योगदान देता है।
एमएसएमई क्षेत्र की सहायता के लिए यह विश्व बैंक का दूसरा कार्यक्रम है। इससे पहले पिछले वर्ष जुलाई में 75 करोड़ डॉलर के आपात कार्यक्रम को मंजूरी दी गई थी। विश्व बैंक के स्थानीय निदेशक जुनैद अहमद ने कहा कि कोविड महामारी से भारत का एमएसएमई क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
यह कार्यक्रम इस क्षेत्र को फाइनेंस और कार्यशील पूंजी तक बेहतर पहुंच उपलब्ध करायेगा। इससे भुगतान में देरी की समस्या दूर करने के लिए ऑनलाइन विवाद समाधान प्रणाली को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
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