विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2005 के बाद पहली बार वायु गुणवत्ता से संबंधित नये दिशा निर्देश जारी किये हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन को उम्मीद है कि इन कड़े दिशा-निर्देशों के माध्यम से देशों को स्वच्छ ऊर्जा की ओर प्रेरित करने तथा वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों और बीमारियों को रोकने में मदद मिलेगी। नये दिशा-निर्देश विशेष रूप से नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और जीवाश्म ईंधन से होने वाले प्रदूषकों को लक्षित करते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने कहा कि वायु प्रदूषण से हर साल कम से कम 70 लाख लोगों की समय से पहले मौत हो जाती है। उन्होंने कहा कि शोध से पता चला है कि “वायु प्रदूषण शरीर के सभी हिस्सों विशेष कर मस्तिष्क से लेकर माँ के गर्भ में पल रहे शिशुओं को प्रभावित करता है।
विश्व स्तर पर, स्कॉटलैंड के ग्लासगो में नवंबर में होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन से संबंधित सम्मेलन से पहले उत्सर्जन-में कमी लाने की योजनाओं पर अमल करने के संकल्प के लिए देशों पर दबाव है।
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