झरिया कोयला क्षेत्र के भूमिगत आग एवं भू-धंसान प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने एवं जांच करने नेशनल रिमोट सेंसिंग सर्वे (एनआरएससी) की टीम नवंबर  में बीसीसीएल आएगी। एनआरएससी के साथ बीसीसीएल ने आग प्रभावित क्षेत्रों का अध्ययन कराने के लिए एक बार फिर एमओयू किया है। मालूम हो एनआरएससी इसरो की एजेंसी है, जो सेटेलाइट के माध्यम से भूमिगत आग एवं भू-धंसान क्षेत्र का पता लगाती है।

मंगलवार को कोल इंडिया चेयरमैन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से झरिया भूमिगत आग की समीक्षा की एवं एक महीने में बीसीसीएल से रिपोर्ट मांगी है।

बीसीसीएल सीएमडी गोपाल सिंह सभी निदेशक आदि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े। कोल इंडिया चेयरमैन ने क्षेत्र में भूमिगत आग एवं भूधंसान की स्थिति की जानकारी ली तथा बीसीसीएल की ओर से किए जा रहे प्रयासों पर चर्चा की। बताया गया कि 34 आग प्रभावित क्षेत्र में दो को फायर फाइटिंग प्रोजेक्ट के माध्यम से बुझाया गया है। अभी भी 32 एक्टिव फायर है। झरिया पुनर्वास पर भी बात हुई। बीसीसीएल कर्मियों के पुनर्वास पर जानकारी मांगी। बीसीसीएल की ओर से बताया गया कि कोरोना के कारण पुनर्वास के काम प्रभावित हुए हैं लेकिन इस वित्तीय वर्ष में आग प्रभावित क्षेत्र से कोयलाकर्मियों को नन कोल बियरिंग एरिया में पुनर्वासितकर दिया जाएगा। जेआरडीए की ओर से किए जा रहे पुनर्वास कार्य पर भी चेयरमैन ने जानकारी ली। मौके पर बीसीसीएल में साइंटिफिक माइनिंग पर मंथन किया गया एवं इसके लिए एक्शन प्लान बनाने को कह गया। बताया गया कि साइंटिफिक माइनिंग से प्रदूषण सहित कई समस्याओं पर अंकुश लगाया जा सकता है।

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