बता दें हर साल मार्च महीने में एलआईसी का बिजनेस करीब 25 से 30 फीसद होता है। टैक्स के लिहाज से भारतीय जीवन बीमा निगम के लिए यह बेहद निर्णायक घड़ी है। पिछले वित्तीय वर्ष के मार्च क्लोजिंग के दौरान एलआईसी ने 2.1 करोड़ की नई पॉलिसी बेचकर पहले साल के प्रीमियम (66% मार्केटशेयर) में 1.42 लाख करोड़ रुपये की कमाई की थी।

एलआईसी का डिजिटल कलेक्शन अब कुल भुगतान का 60% हो गया है। इसमें यूपीआई-भीम (UPI-BHIM) एलआईसी कस्टमर पोर्टल (LIC customer portal), पेटीएम (PayTM), अधिकृत एजेंट, नामित बैंक और संग्रह एजेंसियां जैसे CSC, AP ऑनलाइन आदि के माध्यम से भुगतान भी शामिल हैं।

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