अमेरिका में इलेक्टॉरल वोटों की गिनती जारी है। इलेक्टॉरल वोटों में जो बिडेन अपने प्रतिद्वंद्वी ट्रंप पर बढ़त बनाए हुए हैं। डेमोक्रेट उम्मीदवार बिडेन को अब तक 237 इलेक्टॉरल वोट मिले हैं जबकि रिपब्लिकन उम्मीदवार ट्रंप के खाते में 213 वोट गए हैं। राष्ट्रपति बनने के लिए बहुमत का आंकड़ा 270 है।
अमेरिका में इस बार का राष्ट्रपति चुनाव कोरोना संकट के बीच हुआ है। कोरोना संकट से अमेरिका बुरी तरह प्रभावित हुआ है और यहां सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं। इसे लेकर विपक्ष लगातार ट्रंप के खिलाफ हमलावर रहा है। कोरोना संकट से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को पहुंचे नुकसान का मुद्दा भी इस चुनाव में हावी रहा। डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बिडेन ने राष्ट्रपति ट्रंप पर आरोप लगाया कि वह कोरोना संकट से निपटने में नाकाम रहे।
‘पैदा हो सकता है संवैधानिक संकट’
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर दोनों प्रत्याशियों डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडन के बीच कांटे की टक्कर साफ नजर आ रही है। ट्रंप ने धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है तो बाइडन के कैंपेन ने भी कानूनी तौर पर इसका मुकाबला करने की बात कही है। अमेरिका में ट्रंप के खिलाफ कुछ जगह प्रदर्शन भी हुए हैं। ऐसे में विदेशों में चिंताएं भी पैदा हो रही हैं कि विजेता घोषित होने के बाद अमेरिका में लंबे समय तक आंतरिक संघर्ष बना रह सकता है। जर्मनी के रक्षा मंत्री ए सी कारेनबाउर ने ऐसी ही आशंका जताते हुए कहा कि परिणाम की वैधता को लेकर लड़ाई शुरू हो गई है। उन्होंने कहा, ‘यह एक बहुत ही विस्फोटक स्थिति है… यह अमेरिका में संवैधानिक संकट का कारण बन सकता है। यह निश्चित रूप से हमें चिंतित करेगा।’
नतीजों का दुनिया भर में बेसब्री से इंतजार
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे को लेकर दुनिया भर में उत्सुकता है। विभिन्न देशों में लोग बेसब्री से चुनाव परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे हैं। मुकाबले के रोमांचक होने के साथ ही लोगों में रिजल्ट को लेकर उत्सुकता बढ़ती जा रही है। यूरोपीय संघ की विदेश नीति के प्रमुख जोसेप बोरेल ने कहा कि व्हाइट हाउस के लिए नजदीकी मुकाबले को देखते हुए हमें थोड़ा धैर्य रखना होगा। एक टीवी चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि अमेरिकी प्रणाली में आखिरी वोट भी मायने रखता है और आखिरी वोट भी परिणाम को बदल देता है।
वोटर्स ने अर्थव्यवस्था को बनाया सबसे बड़ा मुद्दा
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हार-जीत का फैसला अब तक नहीं आया है। इस बीच एक्जिट पोल से यह सामने आया है कि लोगों ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए किन मुद्दों पर मतदान किया। एक्जिट पोल से जाहिर होता है कि एक तिहाई से अधिक लोगों ने अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर मतदान किया है, जबकि दूसरे और तीसरे नंबर पर नस्ली भेदभाव और कोरोना वायरस संक्रमण का मुद्दा रहा। करीब 35 प्रतिशत मतदाताओं ने जहां अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर मतदान किया, वहीं 20 प्रतिशत लोगों ने नस्ली भेदभाव और 17 प्रतिशत लोगों ने कोरोना वायरस महामारी के मसले पर मतदान किया।
विवाद की जड़ में होंगे डाक से डाले गए वोट
अमेरिकी चुनाव नतीजों की घोषणा अब तक नहीं हो सकी है। ट्रंप चुनाव में धोखाधड़ी का आरोप लगाकर सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कह चुके हैं तो जो बाइडन ने भी कहा है कि वह इसका कानूनी तौर पर मुकाबला करेंगे। जानकारों का मानना है कि इस बार कानूनी विवाद की जड़ में डाक से डाले गए वोट होंगे। इस बार कोरोना वायरस संक्रमण के कारण बड़ी संख्या में लोगों को पोस्टल बैलट के जरिये मतदान किया है।