तेलंगाना के अलग-अलग शहरों में फंसे झारखंड के लगभग 1200 मजदूर आधी रात को विशेष ट्रेन से रांची पहुंचे. यहां सैनिटाइज्ड बसों में इन मजदूरों को इनके गृह जिलों में पूरे एहतियात और जांच के साथ भेजा जा रहा है.
तेलंगाना के लिंगमपल्ली से खुली ये ट्रेन जैसे ही रांची से सटे हटिया स्टेशन पहुंची, ट्रेन में बैठे मजदूर उठे. कई मजदूरों की आंखों में आंसू आ गए. बता दें कि लॉकडाउन के बाद ट्रेन सेवाएं ठप होने के बाद ये पहली ट्रेन है, जो झारखंड के मजदूरों को लेकर आई है.
मेहमानों की तरह हुआ स्वागत
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक रात सवा ग्यारह बजे के करीब जैसे ही ट्रेन हटिया स्टेशन पर रुकी, मजदूरों की चेहरे की चमक में पिछले 40 दिनों की सारी मुश्किलें छिप गईं. रेलवे स्टेशन पर इन मजदूरों का मेहमानों की तरह स्वागत हुआ, राज्य सरकार के अधिकारियों ने इन्हें गुलाब के फूल दिए और इनके लिए खाने की व्यवस्था की.
रामगढ़ के एक मजदूर ने कहा, “मैं बहुत खुश हूं, इतना खुश कि शब्दों में बता नहीं सकता, हमें वहां ठीक खाना मिल रहा था, यहां भी हमें ठीक व्यवस्था मिली है.”
गांव में होम क्वारनटीन किया जाएगा
रांची के डिप्टी कमिश्नर महिमापत राय ने हटिया स्टेशन पर पत्रकारों से कहा कि स्टेशन पर इनकी प्राथमिक जांच की गई, इसके बाद इन्हें बसों से भेजा जा रहा है, इनके जिले में भी इनकी जांच की जाएगी. इसके बाद इन्हें होम क्वारनटीन किया जाएगा, अगर किसी में भी कोई लक्षण दिखते हैं तो उन्हें अलग रखा जाएगा.
सीएम ने लिया व्यवस्था का जायजा
इससे पूर्व प्रवासी यात्रियों की व्यवस्था को देखने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हटिया स्टेशन पहुंचे. उन्होंने स्टेशन में अधिकारियों से व्यवस्था का जायजा लिया.
हेमंत सोरेन ने मजदूरों का स्वागत किया और कहा कि स्वागत है साथियों. तेलंगाना से अपने घर पहुंचे श्रमिक साथियों की उचित जांच, गुलाब का फूल, भोजन एवं सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए स्वागत किया गया.
24 बोगियों की ये ट्रेन तेलंगाना के लिंगमपल्ली स्टेशन से 1200 मजदूरों को लेकर शुक्रवार सुबह 4.50 पर रवाना हुई थी. सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का ख्याल रखते हुए 72 पैसेंजर की क्षमता वाले एक डिब्बे में 54 मजदूरों को ही बिठाया गया था. एक कूपे में 8 की जगह 6 लोगों के बैठने की इजाजत दी.
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