रायपुर। राजधानी रायपुर में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मुस्लिम समाज के प्रमुख लोगों की बैठक हुई। चूंकि लॉक डाउन की अवधि बढ़ा दी गई है। इसी के मद्देनजर बैठक में चर्चा करते हुए तय किया गया कि लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए ईद – उल – अजहा का त्योहार सादगी से मनाया जायेगा किसी प्रकार के सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं होंगे। बैठक में यह भी तय किया गया कि ईदगाहों में नमाज नहीं पढ़ी जाएगी। वहीं फजर के तुरंत बाद ईद – उल – अजहा की नमाज अदा कर ली जाएगी। ईद मिलन के कार्यक्रम नहीं होंगे। इस दौरान हुई चर्चा में तय किया गया कि कोरोना (कोवीड 19) के संक्रमण से बचाव के जारी लॉकडाउन के नियम कायदों का पूरा पालन करना होगा।
गौरतलब है कि ईद – उल – अजहा के त्योहार में मुस्लिम समाज के द्वारा कुर्बानी दी जाती है। चूंकि लॉकडाउन है और लोगों के घरों से बाहर निकलने पर प्रतिबंध है, इसलिए कुर्बानी घरों पर ही की जाए और कुर्बानी का हिस्सा अपने घरों के आसपास ही तकसीम किया जाए। छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सलाम रिजवी ने कहा है कि त्योहार के दौरान किसी भी कीमत पर लॉकडाउन का उल्लंघन ना हो। इस बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सलाम रिजवी सहित फैजल रिजवी, बैजनाथपारा मदरसा के मौलाना मोहम्मद अली फारूकी, तमाम मस्जिदों के मुतवल्ली और नगर निगम के मुस्लिम पार्षद उपस्थित थे।
यह दिशा निर्देश छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड द्वारा छत्तीसगढ़ प्रदेश की समस्त मस्जिदों, ईदगाह, मदरसों के लिए जारी किये गए हैं। छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है ,जिसमे यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि त्योहार सादगी से मनाया जाएगा कोई भी सार्वजनिक कार्यक्रम नही होंगे। ईदगाहों में नमाज नही होगी। कुर्बानी घरों पर ही कि जाएगी। लॉकडाउन का उल्लंघन न हो, इसका ध्यान रखा जाएगा। इसका यही अर्थ है कि लोग ईद उल फितर की भांति घरों पर ही नमाज अदा करेंगे। मस्जिदों में मुतवल्ली समेत अधिकतम 5 व्यक्तियों को ही नमाज अदा करने की इजाजत होगी ।