कोरबा (IP News). एसईसीएल अपने स्थापना से ही कोल इण्डिया की सर्वाधिक कोयला उत्पादक सहायक कम्पनी रही है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में एसईसीएल ने 150.50 मिलियन टन कोयला उत्पादन कर कोल इण्डिया के कुल उत्पादन में 25 प्रतिशत की भागीदारी दी।
कोयले की मांग प्रतिदिन बढ़ रही है। ऐसे में कोल इण्डिया लिमिटेड ने वर्ष 2023-24 तक 1 बिलियन टन कोयला उत्पादन का महात्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य के सम्पादन में एसईसीएल की महति भूमिका होगी।
इस परिप्रेक्ष्य में एसईसीएल नयी माईनिंग टेक्नाॅलाॅजी को अपनाने पर जोर दे रही है। नयी मशीनों को खदानों में कोयला उत्पादन हेतु इस्तेमाल किए जाने हेतु वृहद योजना बनायी गयी है। इस योजना के तहत एसईसीएल में कई एचईएमएम खरीदे एवं खनन हेतु इस्तेमाल किए जाने हैं।
अकेले गेवरा ओपनकास्ट माइन में ही 150 टन क्षमता के 84 डम्पर, 9 डोजर (850 एचपी), 16 क्यूबिक मीटर क्षमता के 4 इलेक्ट्रिक हाईड्रोलिक शावेल एवं 2 व्हील डोजर (460एचपी) को क्रय कर इस्तेमाल किया जाना है। इनमें से 32 डम्पर, 2 शावेल, 9 डोजर (850 एचपी) एवं 2 व्हील डोजर (460 एचपी) माईन में प्राप्त हुए हैं। अन्य मशीनें इस तिमाही के अंत तक उपलब्ध होगी।
इसी प्रकार कुसमुण्डा ओपनकास्ट माइन में 5 सरफेस माइनर, 3 इलेक्ट्रिक हाईड्रोलिक शावेल (10.2 क्यूबिक मीटर), 10 फ्रंट एण्ड लोडर (10 क्यूबिक मीटर), 2 क्रालर डोजर (850 एचपी) एवं 1 व्हील डोजर (460 एचपी) को क्रय कर इस्तेमाल किया जाना है। इनमें से 1 सरफेर माईन, 6 फ्रंट एण्ड लोडर (10 क्यूबिक मीटर) एवं 1 व्हील डोजर जल्द उपलब्ध होंगे। अन्य सभी उपकरण कुसमुण्डा खदान में प्राप्त हो चुके हैं। इसके साथ ही दीपका ओपनकास्ट माईन में 2 इलेक्ट्रिक हाईड्रोलिक शावेल (10.2 क्यूबिक मीटर) प्राप्त हो चुके हैं।
गेवरा खुली खदान, कुसमुण्डा खुली खदान एवं दीपका खुली खदान एसईसीएल के मेगा प्रोजेक्ट्स हैं तथा एसईसीएल के कुल उत्पादन में इन तीनों खदानों का महत्वपूर्ण सहयोग रहता है।
उल्लेखित एचईएमएम के इस्तेमाल से अधिभार निष्कासन 138.52 मिलियन क्यूबिक मीटर (01.04.2020 तक) से बढ़कर 166.42 मिलियन क्यूबिक मीटर (01.04.2021 तक) होगा। इस एचईएमएम खरीदी पर कुल लागत 1457 करोड़ रुपये (केपिटल एक्सपेंडीचर) है।
01 अप्रेल, 2020 को एसईसीएल के पास 438 डम्पर, 156 डोजर, 112 ड्रिल, 81 शावेल एवं 4 ड्रेगलाइन उपलब्ध थे। उपरोक्त एचईएमएम एसईसीएल के पास पूर्व में उपलब्ध मशीनों के अतिरिक्त हैं।
कोल माइनिंग हेतु मानव एवं मशीन का योग्य समन्वय आवश्यक है। इस उद्धेश्य से हाल ही में 13 अगस्त को एसईसीएल के वर्तमान श्रमशक्ति में से 317 कर्मियों का एचईएमएम आॅपरेटर के पद पर चयन किया गया। वे डम्पर, डोजर, ड्रिल, शाॅवेल, पे-लोडर एवं क्रेन आॅपरेटर के पद पर विभिन्न माईनों में कार्य करेंगे।
वित्तीय वर्ष 2019-20 में रायगढ़ क्षेत्र में बिजारी खुली खदान एवं भटगांव क्षेत्र में जगन्नाथपुर खुली खदान को शुरू किया गया। इन माइंस का कोयला उत्पादन में महत्वपूर्ण सहयोग होगा। इसी दौरान खान सुरक्षा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं, जिनमं 23 नयी फायर टेण्डर, 15 हाईड्रोलिक लैडर एवं 5 रेस्क्यू वैन उपलब्ध कराना सम्मिलित है। साथ ही 10 भूमिगत खदानों में इन्वायरनमेंट टेलीमाॅनिटरिंग सिस्टम लगाये गये हैं।
खनन उद्योग के आधुनिकतम उपकरणों के इस्तेमाल से देश की कोयला आवश्यकताओं को पूर्ण करने का एसईसीएल पुरजोर प्रयास कर रहा है।