कोरबा (IP News). कमर्शियल माइनिंग के तहत 41 कोल ब्लाॅक की नीलामी से 2.80 लाख रोजगार सृजन होंगे और राज्यों को 20 हजार करोड़ रुपए के राजस्व के लाभ का दावा किया गया था। प्रधानमंत्री से लेकर कोयला मंत्री, गृह मंत्री, वित मंत्री तक ने कई मौकों पर इसे दोहराया। इधर, सूचना का अधिकार के तहत इन दावों को लेकर रांची निवासी व इंस्टिट्यूट फॉर रिसोर्सेज एनवायरनमेंट सस्टेनेबिलिटी दी यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया वैंकुवर, कनाडा से पीएचडी कर रहे संदीप पाई ने जानकारी मांगी, जो जवाब मिला वो चौंकाने वाला है।
संदीप ने दो जानकारी मांगी थी। पहली – उस रिपोर्ट/सर्वे/व्हाइट पेपर/कंसल्टेंसी रिपोर्ट/गणना या अन्य दस्तावेज की कॉपी दी जाए, जिसके आधार पर रोजगार सृजन की बात कही जा रही है।
दूसरा – उस रिपोर्ट/सर्वे/व्हाइट पेपर/कंसल्टेंसी रिपोर्ट/गणना या अन्य दस्तावेज की कॉपी उपलब्ध कराई जाए, जिसके आधार पर कहा जा रहा है कि राज्यों को 20 हजार करोड़ का राजस्व प्राप्त होगा।
क्या मिला जवाब
कोयला मंत्रालय के नॉमिनेटेड अथॉरिटी के मुख्य जन सूचना अधिकारी जितेंद्र कुमार ने संदीप को दिए जवाब में लिखा है कि इस कार्यालय के पास कोई रिपोर्ट, सर्वेक्षण, श्वेत पत्र, कंसल्टेंसी रिपोर्ट, गणना नहीं है जिसके आधार पर रोजगार सृजन और राज्य सरकार को उत्पन्न होने वाले राजस्व की गणना की जाती है।
कौन हैं संदीप पाई
संदीप रांची निवासी है तथा इंस्टिट्यूट फॉर रिसोर्सेज एनवायरनमेंट सस्टेनेबिलिटी दी यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया वैंकुवर, कनाडा से पीएचडी कर रहे हैं। उन्होेंने अपने शोध के लिए आरटीआई लगाया था। संदीप इससे पूर्व पत्रकारिता में थे। 2016 में उन्हें प्रतिष्ठित रामनाथ गोयनका पत्रकारिता पुरस्कार से खोजी पत्रकारिता के लिए सम्मानित भी किया जा चुका। वे झरिया के भूमिगत आग एवं कनाडा के पेट्रालियम क्षेत्र का स्टडी कर पर्यावरण पर टोटल ट्रांजीशन नामक पुस्तक भी लिख चुके हैं।
source : Satyendra Kumar