कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की तर्ज पर केंद्र सरकार कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) के इंवेस्टमेंट पैटर्न में भी बदलाव लाना चाहती है। इसके तहत ESIC को भी शेयर मार्केट, कॉर्पोरेट बॉन्ड, ETFs, प्राइवेट बैंकों के कमर्शियल पेपर्स और म्यूचुअल फंड्स जैसे में निवेश करने की मंजूरी मिल सकती है। सरकार की योजना ESIC के निवेश विकल्पों को और विस्तार देने की है, ताकि यह भी EPFO की तरह नए क्षेत्रों में निवेश कर अधिक रिटर्न पा सके।
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ESIC के पास 91,000 करोड़ रुपये का बड़ा कॉरपस है, जिसे वह सरकारी बैंके को फिक्स्ड डिपोडिट (FDs) और पब्लिक सेक्टर की कंपनियों (PSUs) में निवेश करती है। इससे जो रिटर्न ESIC को मिलता है, उसका इस्तेमाल इसके सब्सक्राइबर्स के इलाज में खर्च होता है। लेकिन FDs का इंटर्स्ट रेट कम होने से ESIC को उसके निवेश पर अधिक रिटर्न नहीं मिल पाता है। ESIC 21,000 रुपये प्रति माह से कम सैलरी पाने वाले कर्मचारियों की सैलरी से कुछ राशि हर महीने लेती है, इसके सदस्य अधिकतर इंडस्ट्रियल वर्कर्स हैं। इस पैसे का जिसका इस्तेमाल ESIC कर्मचारियों को मेडिकल सुविधाएं मुहैया कराने में में करती है।
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ये है सरकार की योजना
EPFO की तरह ESIC को अभी तक इक्विटीज, ETFs और म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने की इजाजात नहीं थी। लेकिन, मिंट मे छपी खबर के मुताबिक, केंद्र सरकार अब EPFO की तरह ESIC को भी अपने कॉरपस का 15% फंड स्टॉक मार्केट में ETFs, डेट इंस्ट्रूमेंट्स और इक्विटीज में निवेश करने की इजाजत दे सकती है। इस मामले से संबंधित सूत्रों ने बताया कि अभी सरकार ने यह तय नहीं किया है कि ESIC को अपने पूरे कॉरपस को इन नए एवेन्यूज में निवेश करने की इजाजत मिलेगी या EPFO की तरह इसे भी केवल 15% फंड तो इंवेस्ट करने की मंजूरी मिलेगी। आपको बता दें कि EPFO वित्त मंत्रालय के सुझाये गए इंवेस्टमेंट पैटर्न के आधार पर निवेश करता है। ESIC भी इसी पैटर्न पर निवेश कर सकती है।
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75 हजार करोड़ रुपये अंडर-यूटिलाइज्ड
उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, 31 मार्च 2019 तक ESIC के पास 91,444 करोड़ रुपये थे। इनमें से 15,730.17 करोड़ रुपये स्पेशल डिपोजिट अकाउंट और 75,713.90 करोड़ रुपये बैंकों के FDs में इंवेस्ट किया गया था। सरकार का मानना है कि सरकारी बैंकों के FDs में पड़े ये 75 हजार करोड़ से अधिक रुपये अंडर-यूटिलाइज्ड हैं, यानी अगर इस फंड का इस्तेमाल अच्छी तरह से होता तो ESIC को बेहतर रिटर्न मिल सकता था। सरकार का मानना है कि अगर ESIC को भी शेयर मार्केट मे इंवेस्ट करने की मंजूरी मिल जाती है तो इसे भी अपने निवेश पर अच्छा रिटर्न मिल सकेगा और इसके सब्सक्राइबर्स को बेहतर मेडिकल सुविधाएं मिल सकेंगी।