रांची। भारत काेकिंग काेल लिमिटेड (बीसीसीएल) ईस्टर्न झरिया एरिया के जीएम पीके दुबे समेत कई अफसराें और कर्मचारियाें ने घाेटाले से अवैध कमाई की राशि जमीन और फ्लैट में निवेश किया है। इनके बैंक खाते में भी वेतन से 35 फीसदी तक ज्यादा राशि मिली है। इन अफसराें ने कई निजी कंपनियाें में भी पैसे लगाए हैं। ईडी की जांच में यह खुलासा हुआ है। जांच में पता चला है कि इनके धनबाद-बाेकाराे सहित कई शहराें में बैंक खाते हैं।

इसका डिटेल्स मंगाया जा रहा है। ईडी काेल शाॅर्टेज घाेटाले की राशि से अर्जित संपत्ति और निवेश की जांच कर रही है। बीसीसीएल ने 8 फरवरी 2012 काे एटी-लिब्रा आउटसाेर्सिंग कंपनी काे बस्ताकाेल एरिया के एनसी प्राेजेक्ट में ओबी (कोयला मिलने तक जमा होने वाला मिट्‌टी-पत्थर) हटाने और काेयला उत्पादन व ट्रांसपाेर्टिंग का ठेका दिया था। कंपनी ने जाली बिल के आधार पर बीसीसीएल से 22.16 कराेड़ से अधिक का भुगतान लिया।

एटी लिब्रा कंपनी ने नहीं हटाया ओबी, जाली वाउचर पर ही ले लिया भुगतान

ओबी हटाने के नाम पर हाे रहे घाेटाले की शिकायत मिलने पर सीबीआई, सीएमपीडीआई और काेल इंडिया की विजिलेंस टीम ने 8 और 9 मार्च 2018 काे औचक निरीक्षक किया था। एक दिन पहले के दस्तावेज में अंकित था कि यहां से 2 करोड़ 13 लाख 97 हजार 36 क्यूबिक मीटर ओबी हटाया गया है। जब ओबी की थ्रीडी लेजर स्कैनर मशीन से जांच हुई, तो वहां 1 करोड़ 16 लाख 66 हजार 543 क्यूबिक मीटर ओबी मिला। फिर भी 22.16 करोड़ का भुगतान ले लिया।

 

 

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