कोरबा (आईपी न्यूज)। एसईसीएल कुसमुंडा क्षेत्र में संयुक्त कोयला मजदूर संघ एटक ट्रेड यूनियन की क्लास के दूसरे दिवस राष्ट्रीय सचिव एटक एवं संपादक ट्रेड यूनियन रिकॉड विध्या सागर गिरि ने श्रम कानून के बारीकियों को विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि किस तरह से केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा श्रम कानूनों को तीन तरीकों से बदल कर कर्मचारियों की छटनी के रास्ते को मालिकों के हित में बना दिया गया है। अप्रेंटिस एक्ट में बदलाव कर 20 प्रतिशत तक अप्रेंटिस की भर्ती का अधिकार देते हुए अप्रेंटिस के ट्रेनिंग के समय में भी छूट दे दी गई। अब मालिक जब तक चाहे ट्रेंंिनग करा सकता है। सरकार आईएलओ द्वारा जारी नियमों को भी राज्य सरकारों को एडवाइजरी जारी कर और नोटीफीकेशन द्वारा बदला जा रहा है। पेमेंट एक्ट में प्रावधान किया गया है कि कर्मचारी की गलती से अगर किसी इक्वुप्मेंट का नुकसान हो जाये तो उसकी भरपाई कर्मचारी के वेतन से की जाएगी। सेफ्टी के नियमों में भी बदलाव कर डीजीएमएस के अधिकार को खत्म किया जा रहा है। आईआर कोड में भी बदलाव कर ट्रेड यूनियन के अधिकर को खत्म कर आंदोलन के अधिकर को छिनने का प्रयास चल रहा है। इस बदलाव से हड़ताल, धरना-प्रदर्शन की अनुमति लेने में मुश्किल होगी। इस अवसर पर एसकेएमएस (एटक) के केंद्रीय महामंत्री हरिद्वार सिंह, केंद्रीय अध्यक्ष अजय विश्वकर्मा, कोरबा क्षेत्र के क्षेत्रीय सचिव दीपेश मिश्रा, कंपनी सुरक्षा समिति के सदस्य कामरेड धर्माराव, गेवरा क्षेत्र के क्षेत्रीय सचिव एलपी अघरिया, क्षेत्रीय अध्यक्ष दीपक उपाध्याय, गेवरा के सचिव एलपी चंद्रा आदि उपस्थित थे। ट्रेड यूनियन प्रशिक्षण कार्यक्रम में एसईसीएल के विभिन्न क्षेत्रों से 45 वर्ष से कम आयु के सदस्य उपस्थित हुए।