नई दिल्ली। प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनट समिति ने राजस्व बंटवारे के आधार पर कोयला / लिग्नाइट की बिक्री के लिए कोयला और लिग्नाइट खानों/ ब्लॉकों की नीलामी के लिए कार्यप्रणाली अपनाने और कोकिंग कोल लिंकेज के कार्यकाल को बढ़ाने की मंज़ूरी दी।

यह पद्धति बताती कि राजस्व हिस्सेदारी ही बोलियां लगाने का पैमाना होगा। बोलीदाताओं को सरकार को देय राजस्व के एक अनुपात में हिस्से के लिए बोली लगाने की आवश्यकता होगी। निम्न मूल्य राजस्व हिस्सेदारी का 4 फीसदी होगा। बोलियां राजस्व हिस्सेदारी की प्रतिशतता 10 फीसदी तक पहुंचने तक राजस्व हिस्सेदारी के 0.5 प्रतिशत के गुणकों में स्वीकार की जाएंगी और उसके बाद राजस्व हिस्सेदारी के 0.25% के गुणकों में बोलियां स्वीकार की जाएंगी। कोयले की खदान से कोयले की बिक्री और / या उपयोग पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।

अधिक बाजारोन्मुख राजस्व शेयर नीलामी पद्धति से पहले से तय रुपये प्रति टन आधार नीलामी पद्धति से महज एक कदम दूर कार्य पद्धति से पर्याप्त प्रतिस्पर्धा आती है जिससे ब्लॉकों के लिए बाजार मूल्यों का पता चलता है और कोयला ब्लॉकों का तेजी से विकास होता है।

यह कार्य पद्धति जल्द से जल्द बाजार में अधिकतम कोयला उपलब्ध कराने पर केंद्रित है और यह बाजार में पर्याप्त प्रतिस्पर्धा लाता है जिससे ब्लॉकों के लिए बाजार मूल्यों का पता चलता है और कोयला ब्लॉकों के तेजी से विकास की अनुमति देता है। कोयला क्षेत्रों खासकर खनन क्षेत्र में बड़े निवेश से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार सृजित होगा और इन क्षेत्रों के आर्थिक विकास पर इसका अच्छा प्रभाव पड़ेगा।

  • Website Designing