नई दिल्ली: चीनी मोबाइल कंपनी वीवो अब इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की स्पॉन्सर नहीं होगी. स्वदेशी जागरण मंच और कॉन्फेड्रेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के बीच भारी विरोध के बीच वीवो ने यह फैसला लिया है.
BREAKING NEWS: VIVO won’t be the IPL sponsor this year. They will be back in 2021 and continue till 2023. The IPL will have a new sponsor this edition IPL
— Vikrant Gupta (@vikrantgupta73) August 4, 2020
बीसीसीआई के इस कदम के खिलाफ कैट ने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर को एक पत्र भेजकर इस आयोजन के लिए कोई स्वीकृति नहीं देने की मांग की थी.
कैट ने कहा था, ‘बीसीसीआई का यह कदम देश में कोरोना को रोकने की सरकार की नीति और कदमों के खिलाफ होगा. बीसीसीआई का एक पलायनवादी कदम है जो पैसे के प्रति उनकी भूख और लालच को दर्शाता है.’
कैट ने कहा था, ‘बीसीसीआई भारत में आईपीएल को भारत में आयोजित नहीं कर सकता है, ऐसे में जिद्दी रवैया अपनाते हुए उसने दुबई में इसे आयोजित करने का निर्णय ले लिया है, जो स्पष्ट रूप से आईपीएल के द्वारा पैसे इकट्ठा करने की बीसीसीआई की नीयत को दर्शाता है.’
वहीं स्वदेशी जागरण मंच के सह संयोजक अश्विनी महाजन का इस मामले में कहना था कि चीन के हमले के बाद देश में चाइना के समानों के बहिष्कार का अभियान चल रहा है. पूरे देश की भावनाएं चीन के खिलाफ है. ऐसे में आईपीएल के आयोजकों ने चाइना की कंपनी को प्रयोजक बनाया है. ये फैसला आईपीएल का व्यापार चलाने वालों की अंसवेदनशीलता को दर्शाता है. इस फैसले पर दोबारा विचार नहीं हुआ तो आईपीएल के बहिष्कार के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा.’
गौरतलब है कि सितंबर में आईपीएल का 13वां एडिशन यूएई में शुरू होगा. इसका फाइनल मैच 10 नवंबर को होगा. पहले ये मैच भारत में होने थे लेकिन कोरोना के चलते इसे स्थगित कर दिया गया.