कोरबा (IP News). न केवल कोयला कामगार बल्कि बाजार की नजर भी बोनस पर टिकी हुई है। कोल सेक्टर में बोनस व पीआरपी वितरण के बाद कोविड- 19 की वजह से मार्केट में आई सुस्ती कुछ हद तक दूर हो सकेगी। बीते साल कोयला कर्मचारियों को 1730 करोड़ रुपए से ज्यादा का बोनस मिला था। हालांकि अभी बोनस की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन बोनस भुगतान के ट्रेंड को देखें तो इसमें अच्छी बढ़ोतरी हुई है। 2019 में 2018 के मुकाबले 6.5 फीसदी अधिक बोनस मिला था।
यहां बताना होगा कि कोल इंडिया लिमिटेड एवं अनुषांगिक कंपनियों में एक सितंबर, 2020 की स्थिति में दो लाख 50 हजार 124 कर्मचारी (गैर अधिकारी) कार्यरत हैं। जबकि अधिकारियों की संख्या 15 हजार 756 है। 2019 में कोयला कर्मचारियों को 64,700 रुपए बोनस मिला था। यदि इतनी ही राशि बोनस की मान ली जाए तो इस साल 16,83 करोड़ रुपए का भुगतान होगा। दरअसल एक साल के भीतर कर्मचारियों की संख्या घटी है। माना जा रहा है कि इस साल बोनस 70 हजार के भीतर ही रहेगा। कोविड- 19 की वजह से बहुत ज्यादा बढ़ोतरी की गुंजाइश कम दिख रही है। हालांकि श्रमिक संगठनों का कहना है कि कोविड-19 संकट में कोयला कामगरों ने ही काम किया है, ताकि विद्युत सहित अन्य बड़े संयंत्र व उद्योगों का उत्पदान प्रभावित न हो। बोनस की राशि को अंतिम रूप देने बैठक होगी, इसके बाद ही स्पष्ट हो सकेगा की प्रति कामगार कितना बोनस मिलेगा। 15 हजार 756 अधिकारियों का पीआरपी मिलेगा।
ईसीएल में बंटेगा सबसे ज्यादा बोनस, इसके बाद एसईसीएल
ईस्टर्न् कोलफील्ड्स लिमिटेड में 1 सितम्बर, 2020 की स्थिति में 54 हजार 236 कर्मचारी कार्यरत हैं। इस लिहाज से यहां 350 करोड़ रुपए से अधिक बोनस बंटेगा। ईसीएल के बाद सबसे अधिक 46 हजार 86 कर्मी एसईसीएल में हैं। यहां 300 करोड़ से अधिक की राशि वितरित होगी।
देखें किस कंपनी में कितने कामगार (गैर अधिकारी)
- ईसीएल – 54236
- बीसीसीएल – 40540
- सीसीएल – 35369
- डब्ल्यूसीएल – 36813
- एसईसीएल – 46806
- एमसीएल – 20074
- एनसीएल – 12455
- एनईसी – 991
- सीएमपीडीआई – 2257
- डीसीसी – 227
- सीआईएल एचक्यू – 356
- कुल – 250124
एक नजर दस साल में बोनस भुगतान पर
- 2010 – 17000
- 2011 – 21000
- 2012 – 26000
- 2013 – 31500
- 2014 – 40000
- 2015 – 48500
- 2016 – 54000
- 2017 – 57000
- 2018 – 60500
- 2019 – 64700