कोयला चोरी कोल इंडिया लिमिटेड और अनुषांगिक कंपनियों के लिए एक बड़ी समस्या है। खदानों के अलावा सड़क व रेल मार्ग से परिवहन के दौरान भी कोयले की चोरी होती है।
सड़क के जरिए कोयला ढुलाई के दौरान चोरी से निपटने के लिए वाहनों में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) लगायाय गया है। इधर, अब रेल मार्ग से परिवहन के दौरान कोयला चोरी रोकने की कवायाद शुरू की गई है। अब रैक की ट्रैकिंग करने की व्यवस्था की जा रही है। हाल ही में रेल सूचना प्रणाली केंद्र (क्रिस) के साथ एमओयू किया गया है।
कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस सिस्टम के जरिए रेलवे रैकों कि ट्रेकिंग की ही जाएगी। साथ ही रेलवे साइडिंग पर कोयला लोडिंग की भी निगरानी की जा सकेगी। ऐसा हुआ तो कोयले की चोरी तो रूकेगी ही गुणवत्ता में भी सुधार आएगा।
यहां बताना होगा कि कुछेक रेल कर्मियों और कंपनी के कर्मचारियों की मिलीभगत से लंबे समय से कोयला चोरी को प्रश्रय दिया जाता रहा है। रैक पर कोयला लोड होता और उसे एक निश्चित स्थान पर जाकर रोक दिया जाता रहा है। इस दौरान बड़े पैमाने पर स्थानीय लोग रैक से कोयला चोरी करते हैं।
@CoalIndiaHQ ने रेल सूचना प्रणाली केंद्र (क्रिस) के साथ मिलकर कोयला रैक्स के आवागमन की निगरानी करने के लिए एक एमओयू किया है।
इस एमओयू से कोयला कंपनियों को अपने ग्राहकों को कोयला आपूर्ति करने की बेहतर योजना बनाने में मदद मिलेगी।
— Pralhad Joshi (@JoshiPralhad) March 3, 2021