कोरबा (IP News). कोयला मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2023-24 तक एक बिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य तय कर रखा है, लेकिन सरकार के आंकड़े यह बताते हैं कि कोयले की मांग में गिरावट आ रही है। यह गिरावट कोरोनाकाल में नहीं बल्कि इसके पहले की है। विद्युत केप्टिव, सीमेंट और स्टील डीआरआई, ये तीन ऐसे क्षेत्र हैं जहां नाॅन कोकिंग कोल की डिमांड में कमी आई है। 2018-19 में कोयले की वार्षिक आवश्यकता 968.22 मिलियन टन थी। 2019-20 में आवश्यकता घटकर 956.48 मिलियन टन हो गई। इसी तरह 2018-19 में आपूर्ति का आंकड़ा 732.98 मिलियन टन था। 2019-20 में 706.72 मिलियन टन कोयले की आपूर्ति हुई। 2018-19 में 235.24 मिलियन टन कोयला आयात किया गया। 2019-20 में 248.54 मिलियन टन कोयला आयात हुआ। कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने संसद में प्रस्तुत लिखित जवाब में जो जानकारी दी है, इससे इसका खुलासा होता है। देखें मांग का विवरण:
नाॅन कोकिंग कोल (आंकड़े मिलियन टन में)
क्षेत्र 2018-19 2019-20
विद्युत 545.71 572.89
विद्युत केप्टिव 89.30 54.96
सीमेंट 8.66 8.46
स्टील DRI 12.15 10.72
अन्य 243.98 246.91
कुल 899.80 893.94
कोकिंग कोल
स्टील व कोक ओवन 69.34 62.54