क्या हुआ था
कोरोना के चलते लॉकडाउन के बीच गुमराह किए जाने पर मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन के बाहर मंगलवार को हजारों की तादाद में प्रवासी मजदूर अपने गृह राज्य जाने के लिए इकट्ठा हुए। इन लोगों को यहां से हटने के लिए कहा गया लेकिन इनके अड़ने पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया, जिसके बाद स्थिति को नियंत्रण में किया गया। इस भीड़ को उकसाने के आरोप में ही विनय को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

सोशल मीडिया पर दी थी आंदोलन की धमकी
माना जा रहा है कि कई दिनों से प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया पर विनय एक तरह से अभियान चला रहा था। उसके फेसबुक और ट्विटर अकाउंट खंगालने पर पता चलता है कि वह कई दिनों से इससे संबंधित पोस्ट कर रहा था। 13 अप्रैल को विनय ने एक पोस्ट डाला, जिसमें उसने केंद्र और उत्तर भारत की राज्य सरकारों को चेतावनी दी कि अगर 18 अप्रैल तक दूसरे राज्यों के लोगों को घर पहुंचाने का प्रबंध नहीं हुआ तो वह देशव्यापी आंदोलन करेगा।

vinay facebbok

इसके अलावा, एक दिन पहले विनय ने एक और वीडियो शेयर किया है, जिसमें वह आरोप लगाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मजदूरों की जिंदगी के बारे में बिना सोचे देश में लॉकडाउन का फैसला लिया है। विनय ने 14 अप्रैल के बाद रेलवे को चालू करने का आग्रह किया था, ताकि मजदूर अपने घरों को वापस लौट सकें। वीडियो में वह अपना नंबर भी शेयर करता है और लोगों को जाने के लिए इस पर सूचना देने की अपील करता है।

कौन है विनय दुबे
विनय के सोशल मीडिया अकाउंट से पता चलता है कि वह एक तरह से सामाजिक कार्यकर्ता है। ट्विटर पर उसके ट्वीट्स खंगालने से पता चलता है कि उसका राजनीतिक लोगों से अच्छे संपर्क हैं। उसने एक ट्वीट में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में महाराष्ट्र सरकार को पिता द्वारा पूंजी दान किए जाने की सूचना दी है। सोशल मीडिया पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, वह नवी मुंबई का रहने वाला है। वियन के फेसबुक अकाउंट से पता चलता है कि वह मोदी सरकार की नीतियों का आलोचक रहा है।

विनय पर लगी हैं ये धाराएं
महाराष्ट्र पुलिस ने हजारों मजदूरों को गुमराह करने वाले आरोपी विनय के खिलाफ एपिडेमिक एक्ट (महामारी एक्ट) की धारा 3 और आईपीसी की धारा 117, 153 ए, 188, 269, 270 और 505 (2) के तहत  मामला दर्ज किया है।

बांद्रा की घटना पर 1000 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज

अब महाराष्ट्र पुलिस को उन लोगों की तलाश है जो इन हजारों मजदूरों को गुमराह किया, जिसकी वजह से ये लोग बांद्रा स्टेशन पर आए थे। पुलिस इस बात का पता लगाने में जुटी है कि आखिर किसने यह अफवाह फैलाई कि ट्रेन चलने जा रही है। एपिडेमिक एक्ट की धारा 3 और आईपीसी की धारा 143, 147, 149, 186 और 188 के तहत करीब 800 से 1000 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।

 

 

source : Hindustan

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