नई दिल्लीः देश में सरकार की दो संस्थाएं इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) और नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनसीडीसी) कोरोना वायरस के मरीजों की कुल संख्या और मौत के आंकड़े जुटा रही हैं, लेकिन दोनों संस्थानों की तरफ से दिए जा रहे आंकडों में अंतर है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में राज्य के स्वास्थ्य सचिवों के साथ रविवार को हुई बैठक में इस मुद्दे को उठाया गया.
बैठक में दोनों संस्थाओं द्वारा इकट्ठा किए गए डेटा में अंतर पर चर्चा हुई.
बैठक के दौरान दिखाई गई प्रेजेंटेशन में एनसीडीसी और आईसीएमआर द्वारा इकट्ठा किए गए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के कोरोना के पुष्ट मामलों में अंतर का पता चला.
इससे यह सवाल उठा कि कहीं कई मामले छूट तो नहीं रहे हैं.
एनसीडीसी ने 26 अप्रैल रात आठ बजे तक देश में कोरोना के कुल 26,496 मामलों की पुष्टि की है, जबकि आईसीएमआर का कहना है कि यह संख्या 27,583 है. इस तरह दोनों संस्थाओं द्वारा मुहैया कराए गए आंकड़ों में 1,087 मरीजों का अंतर है.
इस प्रेजेंटेशन में दिखाया गया कि एनसीडीसी और आईसीएमआर का डेटा सिर्फ आठ क्षेत्रों में ही एक समान है, जिसमें उत्तर-पूर्व के पांच राज्य और दादर और नागर हवेली, दमन और दीव और लक्षद्वीप जैसे केंद्रशासित प्रदेश शामिल हैं.
इन आठ स्थानों में से चार में कोरोना का कोई मामला नहीं है और सिर्फ एक राज्य में कोरोना के दो से अधिक पुष्ट मामले हैं जबकि मेघालय में 12 मामले है.
देश के 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कोरोना के पुष्ट मामले एनसीडीसी के रिकॉर्ड की तुलना में आईसीएमआर के रिकॉर्ड में अधिक है.
सबसे अधिक अंतर महाराष्ट्र, गुजरात और पश्चिम बंगाल में है, जहां आईसीएमआर के आंकड़ों में महाराष्ट्र में कोरोना के 8,848, गुजरात में 3,809 और पश्चिम बंगाल में 770 पुष्ट मामले हैं.
वहीं, एनसीडीसी के आंकड़ों के मुताबिक, महाराष्ट्र में 7,628 मामले, गुजरात में 3,071 और पश्चिम बंगाल में कोरोना के 611 पुष्ट मामले हैं.
देश के इन 21 राज्यों में सबसे बड़ा अंतर महाराष्ट्र में हैं, जहां दोनों संस्थाओं के डेटा में 1,220 मरीजों का अंतर है. वहीं नगालैंड में सिर्फ एक मरीज का अंतर है.
आईसीएमआर के आंकड़ों में नगालैंड में कोरोना का सिर्फ एक मरीज है, जबकि एनसीडीसी में यह संख्या शून्य है.
देश के ऐसे आठ राज्य हैं, जहां एनसीडीसी के आंकड़े आईसीएमआर की तुलना में अधिक हैं. सबसे बड़ा अंतर दिल्ली, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में है.
उदाहरण के लिए एनसीडीसी के आंकड़ों में दिल्ली में कोरोना के कुल 2,625 मरीज, जबकि आईसीएमआर के आंकड़ों में यह संख्या 2,155 है.
एनसीडीसी के आंकड़ों के मुताबिक, मध्य प्रदेश में कोरोना के कुल मामले 2,096 जबकि आईसीएमआर के मुताबिक 1,778 है.
एनसीडीसी के डेटा के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या 1,793 और आईसीएमआर के अनुसार 1,572 है.
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