कोरबा (आईपी न्यूज)। कोल इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनियों के अंतगर्त संचालित 420 कोयला खदानों को लागत इकाइयां माना है। इसमें 292 खदानें ऐसी हैं जो घाटे में है। इनमें ज्यादातर भूमिगत खदानें शामिल हैं। 128 खदानें ही लाभ कमा कर दी रही हैं। सीआईएल की रिपोर्ट के अनुसार 420 लागत इकाइयों में 221 ओनपकास्ट हैं और 199 खदानें भूमिगत हैं। 199 में 195 खदानें घाटे में है। केवल 4 अंडरग्राउंड माइंस ही लाभ कमा कर दे रही हैं। 221 में 124 ओपनकास्ट माइंस ऐसी हैं जिनसे लाभ अर्जित हो रहा है। 97 खदानों से हानि हो रही है।
नए वित्तीय वर्ष में ये खदानेें होंगी बंद
एसईसीएल – बारतुंगा हिल, पिनऔरा, बलरामपुर भूमिगत खदान तथा विश्रामपुर ओपनकास्ट माइंस।
डब्ल्यूसीएल – झरना भूमिगत एवं पौनी ओपनकास्ट।
ईसीएल – राजपुरा ओपनकास्ट एवं सोदेपुर भूमिगत।

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