धनबाद। भले बीसीसीएल मौजूदा समय में वित्तीय संकट के दौर से गुजर रही है लेकिन कंपनी का नेटवर्थ पॉजिटिव है। 2019-20 में कंपनी को कर अदायगी के बाद 918.68 करोड़ का मुनाफा हुआ है। खास बात यह है कि पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले कंपनी का नेटवर्थ लगभग दोगुना बढ़कर 4297.66 करोड़ हो गया है। मुनाफा भी 2018-19 में लगभग 288 करोड़ था, जो 2019-20 में बढ़कर 918 करोड़ हो गया है।

कंपनी के वित्तीय परिणाम की घोषणा शनिवार को कंपनी मुख्यालय कोयला भवन में निदेशक वित्त समीरण दत्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में की। मालूम हो कोल इंडिया के वित्तीय परिणाम की घोषणा शुक्रवार को होने के बाद बीसीसीएल की ओर से आर्थिक नतीजे का खुलासा शनिवार को की गई। बता दें कोल इंडिया का मुनाफा 16700 करोड़ है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में निदेशक वित्त ने कहा कि बीसीसीएल को वित्तीय स्थिति को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है। कोविड इफेक्ट के कारण परेशानी हुई लेकिन कंपनी बहुत जल्दी इस संकट से उबर जाएगी। कोविड प्रभाव से कंपनी धीरे-धीरे बाहर आ रही है। अप्रैल-मई के मुकाबले जून में कोयला डिस्पैच में सुधार हुआ है। प्रतिदिन 15 रैक तक डिस्पैच हो रहा है। आनेवाले दो-एक महीनों में स्थिति और बेहतर होगी।

निदेशक वित्त ने कहा कि 2019-20 में कंपनी उत्पादन लक्ष्य से चूक गई और 27 मिलियन टन तक पहुंची। चालू वित्तीय वर्ष में 37 मिलियन टन का लक्ष्य हासिल करेगी। इसके लिए सीएमडी के नेतृत्व में योजना भी बनी है और कई पैच अवार्ड किया गया है।

दत्ता बोले कि बीसीसीएल को पारंपरिक ऊर्जा सहित किसी और चुनौती का डर नहीं है। कोकिंग कोल के कारण बीसीसीसीएल की उपयोगिता सदैव बनी रहेगी। बीसीसीएल कोकिंग कोल की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए नई वाशरी पर फोकस कर रही है। बीते वित्तीय वर्ष के मुनाफे में कोयले की गुणवत्ता में सुधार से यानी ग्रेड स्लीपेज की समस्या में कमी आने की महत्वपूर्ण भूमिका है। ग्रेडिंग, ई-ऑक्शन आदि का भी रोल रहा।

एनसीएल का 160 करोड़ का कर्ज लौटा दिया

बीसीसीएल के निदेशक वित्त समीरन दत्ता ने कहा कि एनसीएल से पिछले महीने लिया गया 160 करोड़ का कर्ज लौटा दिया गया। कुछ बैंकों का कर्ज बकाया। रियलाइजेशन की स्थिति में सुधार होते ही बैंकों का कर्ज भी वापस कर देंगे।

बताया गया कि फिलहाल 3200 करोड़ का बकाया विभिन्न कंपनियों के पास है। कुछ कंपनियों ने चुकाना भी शुरू किया है। सेल से जल्दी पैसा मिलने का संकेत दिया गया है। डीवीसी के पास 1200 करोड़, सेल के पास 600 करोड़ तथा डब्ल्यूपीडीसीएल के पास 530 करोड़ बकाया है।

 

 

 

source : Hindustan

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