नई दिल्ली (आईपी न्यूज़)। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) 710 मिलियन टन (एमटी) कोयला का उत्पादन करेगी और कंपनी का कोयले की कुल खरीद (आफटेक) का लक्ष्य भी इस वित वर्ष के लिए 710 एमटी बना रहेगा। केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने 22 अप्रैल 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये सार्वजनिक क्षेत्र की इस कंपनी के प्रदर्शन की समीक्षा करने के दौरान ये लक्ष्य निर्धारित किए।
श्री ने कहा, ‘कोरोना वायरस लॉकडाउन के बाद कोयले की मांग एक बार फिर से बढ़ेगी, इसलिए मैंने सीआईएल को वर्ष 2023-24 तक 1बिलियन टन कोयला उत्पादन के अपने लक्ष्य को अर्जित करने की तर्ज पर वित वर्ष 2020-21 के लिए 710 एमटी के उत्पादन और कुल खरीद का लक्ष्य बनाये रखने का निर्देश दिया है।
केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री ने पूरे वर्ष के दौरान कोयला उत्पादन में निरंतरता पर जोर दिया और सीआईएल प्रबंधन को सभी आवश्यक तैयारी करने को कहा जिससे कि मॉनसून सीजन के दौरान भी उत्पादन प्रभावित न हो। उन्होंने सीआईएल अधिकारियों को सभी उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण कोयला उपलब्ध कराने और यह सुनिश्चित करने को कहा कि वर्ष के दौरान पावर प्लांट में पर्याप्त कोयला उपलब्ध रहे।
बैठक के दौरान वित वर्ष 2020-21 के लिए कंपनी का ओवर बर्डेन (ओबी) रिमूवल टार्गेट इसकी 1 बीटी योजना के संरेखण के अनुरूप 1580 मिलियन क्यूबिक मीटर निर्धारित किया गया। ओबी रिमूवल का तात्पर्य कोयला सीम को एक्सपोज करने के लिए शीर्ष मृदा को हटाना है जिससे कि उन्हें खनन के लिए तैयार किया जा सके।
Chaired a review meeting of @CoalIndiaHQ and instructed the company to produce 710 million tonnes of coal in FY 20-21 in line with its goal to achieve 1 billion tonne of coal production by FY 23-24. All subsidiaries should also set their production targets accordingly. pic.twitter.com/n7RRt22EGi
— Pralhad Joshi (@JoshiPralhad) April 22, 2020
प्रल्हाद जोशी ने कहा कि, ‘मुझे हमारे कोयला योद्धाओं पर गर्व है जो कोरोना महामारी के दौरान भी प्रकाश जलाये रखने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं और मुझे उम्मीद है कि सीआईएल सभी निर्धारित लक्ष्य समय पर या समय से पहले ही अर्जित कर लेगी। सरकार लक्ष्यों को हासिल करने में सभी संभव सहायता प्रदान करेगी।
मंत्री ने सीआईएल प्रबंधन से यह भी 6कहा कि वे उनकी मांग पूरी करने के लिए वर्तमान में आयात करने वाली कंपनियों से संपर्क करें और उन्होंने कोयले के आयात का विकल्प ढूंढने के लिए एक विस्तृत योजना का खाका तैयार करने का भी सुझाव दिया।