बिलासपुर (आईपी न्यूज)। छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट, बिलासपुर ने में कोल इंडिया लिमिटेड में निदेशकों की नियुक्ति पर अगली सुनवाई होने तक रोक लगा दी है। उच्च न्यायालय ने यह आदेष 2 जनवरी को जारी किया है। न्यायाधीश जस्टिस गौतम भादुड़ी ने (आवेदन संख्या 10800 /2019) की सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया। इस आदेश के बाद अब यह सवाल उठा रहा है कि सीआईएल के क्या नए चेयरमैन की नियुक्ति कोयला मंत्रालय द्वारा पत्र जारी किया जाएगा या नहीं। दरअसल चेयरमैन के पद पर भी निदेशक ग्रेड वन की ही नियुक्ति होती है। वर्तमान चेयरमैन एके झा 31 जनवरी को रिटायर हो रहे हैं। सार्वजनिक उद्योग चयन बोर्ड आईएएस प्रमोद कुमार अग्रवाल को नए चेयरमैन के रूप में चयनित किया गया है।
क्या है पूरा मामला
एसइसीएल के जीएम (लीगल) कुमार राजीव रंजन निदेशकों के कई इंटरव्यू में सम्मिलित हुए, पर सफल नहीं हो सके। उन्होंने दिसंबर 2019 को छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट में एक याचिका दायर की। याचिका में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के छह अप्रेल 2018 के दिए उस आदेश का जिक्र किया, जिसमें कहा गया है कि सार्वजिनक पदों पर चयन के दौरान चयन निकायों, राज्य लोक सेवा आयोग, राज्य चयन बोर्ड द्वारा परीक्षा केंद्रों एवं साक्षात्कार केंद्रों की वीडियोग्राफी करवानी चाहिए। सीसीटीवी कैमरे लगवाने चाहिए। तीन सदस्यीय स्वतंत्र कमेटी इन फुटेज को देखे और इस कमेटी की रिपोर्ट संबंधित वेबसाइट पर रखी जाये, लेकिन इस आदेश का पालन नहीं हो रहा है। चुनिंदा तरीके से चयन किया जा रहा है। श्री रंजन ने कोर्ट से गुहार लगायी कि मैं अयोग्य था, इसका सबूत दिया जाये और जिनका चयन हुआ उनकी योग्यता का सबूत दिया जाये। इस पर केंद्र सरकार की ओर से सहायक सॉलिसिटर जेनरल बी गोपा कुमार ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा। जस्टिस गौतम भादुड़ी ने चार सप्ताह के बाद मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का आदेश दिया।

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