अहमदाबाद। गुजरात की बीजेपी सरकार ने अस्पतालों में नकली वेंटिलेटर लगवा दिए, क्योंकि यह कथित वेंटिलेटर सीएम विजय रूपाणी के करीबी की कंपनी ने बनाए थे। ऐसे में एक बार फिर विकास के गुजरात मॉडल की पोल खुली है, बल्कि इस बार तो मरीजों की जान से खिलवाड़ किया गया है।
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी जब से कोरोना का कहर शुरु हुआ है अपने आशियाने से बाहर नहीं निकले हैं। वे पिछले 4 अप्रैल को को बाहर आए थे और उन्होंने अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में गुजरात में ही निर्मित वेंटिलेटर का उद्घाटन किया था। लेकिन अब साफ हो गया है कि विजय रुपाणी के राजकोट के मित्र द्वारा दिया गया यह वेंटिलेटर न सिर्फ नकली है, और इससे मरीजों की जान को खतरा हो सकता है। यह खुलासा मशीनों को अस्पताल में लगाए जाने के 15 दिन बाद हुआ है।
अहमदाबाद मिरर की एक खबर के मुताबिक गुजरात के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा अंबु-बैग को वेंटिलेटर बताकर अस्पताल में लगाए जाने से साफ है कि गुजरात सरकार इन दिनों किस तरह चल रही है। अहमदाबाद मिरर इस बारे में लगातार खबरें प्रकाशित रहा है कि कैसे विजय रुपाणी और अंजलि रुपाणी राजकोट स्थित इस कंपनी को प्रोमोट कर रहे हैं। इस अधिकारी ने बताया कि विजय रुपाणी सिर्फ राजकोट के अधिकारियों से ही घिरे रहते हैं। अधिकारी ने कहा कि हाल ही में अहमदाबाद के कलेक्टर को बिना सूचना के हटाकर दिल्ली में एक अनजान से पद पर भेज दिया गया।
अधिकारी के मुताबिक, “विजय रुपाणी के द्वारा अंबु बैग को वेंटिलेटर के तौर पर सेटअप करवाना यह सीधे तौर पर दिखा रहा है कि मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ किया गया। यह एक आपराधिक कृत्य है।”
बता दें कि 4 अप्रैल को विजय रुपाणी ने वेंटिलेटर उद्घाटन करते समय कहा था कि पूरी दुनिया कोविड 19 जैसी महामारी का सामना कर रही है और मामलों के बहुत तेज़ी से बढ़ने के चलते वेंटिलेटर कमी हो रही है। ऐसे समय में सस्ते वेंटिलेटर बनाकर गुजरात इस महामारी से लड़ने वाले दुनिया के तमाम देशों की कतार में सबसे आगे खड़ा हो जाएगा। लेकिन अब इस नकली वेंटिलेटर का खुलासा होने के बाद इस मामले ने एक बार फिर पूरे गुजरात को शर्मसार कर दिया है। खबरों के मुताबिक, इस मामले के खुलासा के बाद हाईकमान की भौंहे तन गई हैं।
मिरर के मुताबिक, जब इस पूरे मामले को लेकर सीएम विजय रुपाणी से बातचीत की कोशिश की गई लेकिन वो बातचीत के लिए उपलब्ध नहीं हो पाए। जिसके बाद उनके करीबी नौकरशाह से बातचीत हुई। करीबी नौकरशाह ने इस मामले में विजय रुपाणी बचाते हुए नजर हुए नजर आए। उन्होंने कहा कि सीएम विजय रुपाणी ने कभी भी इसे वेंटिलेटर नहीं कहा था। जबकि राज्य सरकार द्वारा जारी प्रेस नोट में स्पष्ट रूप से मशीन को वेंटिलेटर के रूप में जिक्र किया गया है। इस प्रेस नोट में कहा गया था कि राजकोट स्थित स्थानीय उद्योगपति पराक्रम सिंह जडेजा और ज्योति सीएनसी की उनकी टीम ने गुजरात के मेक इन इंडिया अभियान में बड़ा सहयोग दिया है। बाद में रूपानी और पटेल ने जडेजा को इस उपलब्धि के लिए उन्हें बधाई दी थी।
वहीं गुजरात सरकार जिस वेंटिलटर को सस्ता बताकर कोरोना वायरस से जंग लड़ने में सबसे उपयोगी हथियार बताया था अब उसी वेंटिलेटर के निर्माता पराक्रम सिंह जडेजा ने स्वीकार किया है कि यह फुल फ्लेजेड वेंटिलेटर नहीं है। साथ ही उन्होंने दावा किया कि इसकी जानकारी गुजरात सरकार को पहले ही दे दिया गया था।
वहीं गुजरात कांग्रेस ने इस मामले को लेकर सीएम विजय रुपाणी पर हमला बोला। कांग्रेस ने कहा कि इस महामारी मे भी गुजरात में भ्रष्टाचार पुर जोश मे चल रहा है। सीएम ने अपने मित्र को फ़ायदा पहुंचाने के लिए डीजीसीआई के लाइसेंस को भी नज़र अंदाज़ किया।