नई दिल्ली। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री निकोलस बर्न्स के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस पर बातचीत की। इस दौरान कोरोना को लेकर बातचीत ने बर्न्स ने इस बात को खारिज कर दिया है कि चीन कोरोना वायरस की लड़ाई जीत रहा है और उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प जी 20 में एक साथ काम करेंगे और कोरोना से निपटेंगे।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ एक वीडियो बातचीत में, बर्न्स ने यह भी कहा कि चीन में भारत या संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे लोकतांत्रिक देश में खुलेपन का अभाव है, हालांकि इसमें एक भयभीत नेतृत्व है। उन्होंने कहा कि- मुझे लगता है कि बहुत से लोग अभी कह रहे हैं कि चीन आगे निकलने वाला है और कोरोना वायरस की लड़ाई में चीन जीत रहा है। मैंने वास्तव में ऐसा नहीं देखा।
चीन निश्चित रूप से दुनिया में असाधारण शक्ति है। संभवतः सैन्य, आर्थिक रूप से, राजनीतिक रूप से अभी तक संयुक्त राज्य अमेरिका के बराबर नहीं है, लेकिन इसके बारे में कोई सवाल नहीं उठा रहा है। भारत या संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे लोकतांत्रिक देश की तुलना में खुलेपन में चीन की कमी है। ”
राहुल गांधी ने निकोलस से कहा कि जैसे अमेरिका में अफ्रीकी-अमेरिकी, मेक्सिकन-अमेरिकी आदि को बांटा जा रहा है ठीक वैसे ही भारत में हिंदू मुसलमान को बांटने की कोशिश होती है। आगे राहुल ने यह भी कहा कि मैं इस देश के डीएनए को अच्छे से समझता हूं और इसलिए आशा करता हूं कि जल्द सभी समस्याओं का समाधान होगा।
जब लद्दाख में भारत और चीन के गतिरोध पर निलोकस ने राहुल गांधी से सवाल किया। तो इसपर राहुल ने कहा कि वह चाहते हैं कि इसका हल लोकतांत्रिक तरीके से ही निकले। दूसरी तरफ निलोकस ने कहा कि चीन भारत और अमेरिका की बराबरी नहीं कर सकता क्योंकि वहां शासक डरपोक हैं। लोकतांत्रिक माहौल नहीं, विचारों को वहां छूट नहीं है।
But the surprising thing is, that open DNA has sort of disappeared. I don't see that level of tolerance that I used to see in US and India: Rahul Gandhi in conversation with Former American diplomat Nicholas Burns
2/2 https://t.co/BJHzx4Dqz7— ANI (@ANI) June 12, 2020